इन्दौर (Indore)। शहर में अलग-अलग जगह अप्राकृतिक मौत के मामलों में उनके शवों को पोस्टमार्टम (post mortem) के लिए भेजा गया है। किसी ने चाचा से रुपयों के विवाद तो किसी ने ड्यूटी (duty) से लौटकर मौत को गले लगाया। किसी की मौत बर्तनों के पीछे बैठे सांप के डंसने से लिखी थी। सभी मामलों की पुलिस जांच कर रही है। एक मामले में पत्नी से विवाद (dispute with wife) के बाद पति ने फांसी लगा ली, लेकिन समय रहते पत्नी और बेटे की उस पर नजर पड़ी और उसे फंदे से उतारकर अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उसकी जान बच गई है। अस्पताल (hospital) में उसका इलाज जारी है। बताया जा रहा है कि वह खतरे से बाहर है।
छोटी ग्वालटोली पुलिस (Chhoti Gwaltoli Police) ने बताया कि 30 साल के रोहित पिता सुनील निवासी छोटी ग्वालटोली ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। रोहित ट्रेवल्स एजेंसी का काम करता था। उसके परिजन ने बताया कि दादी की कोरोना कॉल में मौत हो गई थी। वह सरकारी कर्मचारी थी। मौत के बाद उन्हें सरकार की ओर से आर्थिक मदद मिली थी। जिसे चाचा ने रख ली। मदद में से हिस्सा लेने के लिए रोहित ने कलेक्टर कार्यालय के भी चक्कर काटे, लेकिन राहत नहीं मिली। बीच में इसी बात को लेकर चाचा से उसका विवाद भी हुआ था। लसूडिय़ा पुलिस ने बताया कि 36 साल के मोहन पिता जगदीश ने शराब के नशे में फांसी लगा ली। बताया जा रहा है कि वह शराब पीकर घर आया और खाना खाने की बात पर पत्नी से उसका विवाद हुआ, जिसके बाद उसने फांसी लगा ली। समय रहते बेटे और पत्नी की उस पर नजर पड़ी और उसे फंदे से उतारकर एमवाय अस्पातल लाया गया, जहां उसका इलाज जारी है।
बर्तन के पीछे छिपा था सांप
लसूडिय़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली 30 वर्षीय सुनीता पति हेमंत की सांप के काटने से मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वह एक ढाबे पर बर्तन साफ करने का काम करती थी। वह ढाबे पर काम पर गई, जहां झूठे बर्तनों की आड़ में एक सांप बैठा हुआ था। जैसे ही वह बर्तन साफ करने लगी तो सांप ने उसे डंस लिया। उसे इलाज के लिए एमवाय अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई।
ड्यूटी से लौटा और….
रुस्तम के बगीचे के रहने वाले हरिसिंह पिता करोड़ीलाल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि वह विदिशा जिले का रहने वाला था। यहां तीन अन्य साथियों के साथ किराए के कमरे में रहकर शैल्बी अस्पताल के पीछे स्थित होटल पहाडिय़ा में नौकरी करता था। कल उसकी 10 से तीन बजे तक की ड्यूटी थी। ड्यूटी खत्म कर वह घर लौटा तो उसके साथियों की ड्यूटी चालू हुई और वे नौकरी पर चले गए। साथी लौटे तो वह फंदे पर लटका मिला।
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