भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Chief Minister Mohan Yadav) की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक प्रस्तावित (MP Cabinet meeting ) है। इस बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा होगी। इसमें सबसे अहम प्रदेश की तबादला नीति है। कैबिनेट में तबादला नीति के प्रारूप पर मुहर लग सकती है। इसमें 15 दिन के लिए ट्रांसफर से रोक हटेगी। दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों के लिए नई नीति का मसौदा तैयार किया है, जिसमें जिले के भीतर और बाहर तबादलों के लिए विशेष नियम बनाए गए हैं।
इस नीति में विशेष रूप से प्रभारी मंत्री और विभागीय मंत्री की स्वीकृति की आवश्यकता को प्रमुखता दी गई है। नीति के अनुसार, कुछ तबादले मुख्यमंत्री की सहमति से किए जाएंगे, जबकि शिक्षा विभाग के तबादले इस ड्रॉफ्ट में शामिल नहीं किए गए हैं। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किए जाएंगे।
जिले के अंदर ट्रांसफर प्रभारी मंत्री करेंगे। इसके लिए ऑनलाइन या कार्यालय प्रमुख को आवेदन देना होगा। एक साल या उससे कम समय में रिटायर होने वाले कर्मचारियों का तबादला नहीं किया जाएगा। गंभीर बीमारियों से ग्रस्त कर्मचारियों के तबादले उनकी चिकित्सा आवश्यकताओं के आधार पर किए जाएंगे। जिन जिलों में लिंगानुपात कम है, वहां महिला अधिकारियों की पोस्टिंग को प्राथमिकता दी जाएगी। नई नीति में अनुसूचित क्षेत्रों के खाली पदों को प्राथमिकता से भरे जाने का प्रावधान है।
स्कूल शिक्षा विभाग में फिलहाल तबादलों को रोक दिया गया है। उच्च पद के प्रभार देने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही विभाग तबादलों पर विचार करेगा। इस समय, बोर्ड परीक्षाओं और स्थानीय परीक्षाओं के चलते पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया गया है। डीएसपी और उनसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड के दिशा-निर्देशों और विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद मुख्यमंत्री की स्वीकृति से किए जाएंगे।
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