
भोपाल। मध्यप्रदेश (MP) के मुख्यमंत्री (CM) डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav) ने किसानों (farmers) के लिए राहतभरी घोषणा की है। वे किसान, जिन्होंने सहकारी बैंकों (Co-operative Banks) से ऋण लिया है और ऋण की अदायगी नहीं कर पाए हैं, ऐसे सभी डिफाल्टर किसानों के ब्याज का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों ने भू-अधिग्रहण संशोधन ड्राफ्ट पर कुछ सुझाव दिए और बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने के कारण डिफाल्टर हुए किसानों की समस्या को भी उठाया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य सरकार उन किसानों का सहकारी बैंकों का ब्याज वहन करेगी, जो 31 मार्च तक कर्ज चुकता नहीं कर पाए। मध्यप्रदेश में कुल 4 हजार 523 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियां किसानों को कृषि ऋण देती हैं। इन ऋणों का ब्याज शून्य प्रतिशत होता है, लेकिन अगर किसान समय पर कर्ज नहीं चुका पाते तो उन पर ब्याज लगने लगता है। किसानों ने भूमि अधिग्रहण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बिना किसानों की सलाह के अधिग्रहण नहीं होना चाहिए। किसी भी भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों को विश्वास में लिया जाना चाहिए।