भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की मोहन सरकार (Mohan Government) को हाईकोर्ट (High Court) से बड़ा झटका लगा है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने सरकार के अहम फैसले को लागू होने से पहले ही रोक दिया है. दरअसल, राज्य के महिला और बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर एक नया बदलाव किया था. इसमें उन्होंने भोजन वितरण का काम स्व-सहायता समूहों से छीनकर सहायिकाओं से कराने का आदेश जारी किया था. यह 15 अगस्त से लागू करने की घोषणा भी की गई, लेकिन इससे पहले ही स्व-सहायता समूहों ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. जिस पर हाईकोर्ट ने सरकार के इस फैसले को लागू करने से रोक दिया.
इस आदेश में सरकार ने कहा था कि आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को भोजन देने का काम स्व-सहायता समूहों से ले लिया जाएगा और आंगनबाड़ी सहायिकाओं को सौंपा जाएगा. सरकार ने आदेश दिया था कि यह नया नियम पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू होना चाहिए. बता दें, प्रदेश में यह नया नियम 15 अगस्त से 15 जिलों में शुरू होना था.
बता दें कि सरकार के आदेश जारी करने के बाद स्व-सहायता समूहों ने इसका विरोध किया था. मुरैना के 15 और दतिया के 29 स्व-सहायता समूहों ने इस आदेश के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी. अब सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. जो आदेश 15 अगस्त से लागू होने वाला था, अब वह लागू नहीं किया जा सकता है.
वर्तमान में, मध्य प्रदेश में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों में भोजन वितरण का काम स्व-सहायता समूहों के पास है, लेकिन जुलाई के पहले हफ्ते में ही महिला और बाल विकास विभाग ने एक बड़ा बदलाव करने का आदेश जारी किया था. इस बदलाव को 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस से लागू करना था. लेकिन ग्वालियर हाईकोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी, जिससे अब सरकार के सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई है.
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