मध्‍यप्रदेश

मोहन कैबिनेट ने खुले बोरवेल पर लागू किए सख्त नियम, अब कुलपति कहलायेंगे कुलगुरु

भोपाल: मध्य प्रदेश की मोहन सरकार (Mohan Government of Madhya Pradesh) की आज कैबिनेट बैठक (MP Cabinet meeting) हुई. मोहन मंत्रिमंडल (Mohan Cabinet) ने कई महत्वपूर्ण निर्णयों को मंजूरी दी है, जिसमें कुलपतियों का नाम बदलकर कुलगुरु रखना, गौ तस्करों के वाहन जब्त करना और लघु वनोपज से होने वाली आय को विशेष रूप से आदिवासियों के लिए समर्पित करना शामिल है. इसके साथ ही मंत्री अब अपने वेतन पर कर का भुगतान स्वयं करेंगे और खुले बोरवेल पर सख्त नियम लागू किए गए हैं.

कैबिनेट बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी दी. मोहन कैबिनेट में फैसला हुआ कि कुलपति अब कुलगुरु कहलायेंगे. मध्य प्रदेश में अब यूनिवर्सिटी के कुलपतियों को कुलगुरु कहा जाएगा.उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिली.

मंत्रियों के वेतन भत्ते पर लगने वाले टैक्स को मंत्री खुद भरेंगे. सीएम मोहन के फैसले का सभी मंत्रियों ने स्वागत किया है. साथ ही विपक्ष के नेताओं ने भी सहमति जताई. इसके अलावा लघुवनोपज से आने वाली कमाई को आदिवासियों पर ही खर्च किया जाएगा. यह राशि कहीं और खर्च नहीं होगी.


बोरवेल खुला छोड़ा तो अब खैर नहीं होगी. बोरवेल में गिरने की घटनाओं को देखते हुए खुले बोरवेल और नलकूपों पर कैबिनेट में निर्णय लिया गया. तय की गई जिम्मेदारी. साथ ही खनन करने वालों और बोरवेल करवाने वालों को बोरवेल बंद करवाना होगा. अगर प्रशासन बंद करेगा तो बंद बोरवेल का खर्च देना होगा.

वहीं, गौ तस्करी को रोकने के लिए भी बड़ा फैसला लिया गया है. गौवंश के परिवहन में शामिल वाहन अब राजसात किए जाएंगे. अवैध उत्खनन पर भी गौ तस्करों के वाहन राजसात होंगे. बोरवेल बंद करने और गौवंश के अवैध परिवहन को राजसात करने का फैसला लेने वाला एमपी पहला राज्य बना है. इसका अलावा आगजनी के लिए ओल्ड वल्लभ भवन के लिए 107.27 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए. पुराना वल्लभ भवन आधुनिक बनाया जाएगा.

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