नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की मेजबानी में 17 अगस्त को हो रही तीसरी ग्लोबल साउथ समिट (Global South Summit) में बांग्लादेश (Bangladesh) की तरफ से अंतरिम पीएम मोहम्मद युनुस (Mohammad Yunus ) शामिल हुए हैं। कल ही पीएम मोदी और मोहम्मद यूनुस के बीच हुई थी फोन पर बात। बांग्लादेश में सत्ता बदल के बाद यह पहला मौका है जब दोनों देशों के नेता एक साथ किसी मंच पर नर आ रहे हैं। भारत ने जी20 की अध्यक्षता मिलने पर दुनिया के विकाशसील देशों की आवा मजबूत करने के लिए ग्लोबल साउथ समिट की शुरुआत की थी। भारत ने सितंबर 2023 में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में भी पुरजोर तरीके से ग्लोबल साउथ कहे जाने वाले पिछड़े और विकासशील देशों की आवाज बुलंद की थी। भारत की अगुवाई में तीसरी बार यह वर्चुअल शिखर बैठक आयोजित की जा रही है जिसमें 100 से अधिक देशों के प्रमुख भाग ले रहे हैं।
पीएम मोदी ने किया सम्मेलन को संबोधित
ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह एक ऐसा मंच बना, जहां हमने विकास से संबंधित समस्याओं और प्राथमिकताओं पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत ने ग्लोबल साउथ की आशाओं, आकांक्षाओं और प्राथमिकताओं पर आधारित जी-20 एजेंडा तैयार किया।
पीएम मोदी ने कहा, “जब भारत ने जी-20 की अध्यक्षता संभाली तो हमने संकल्प लिया था कि हम जी-20 को एक नया स्वरूप देंगे।” उन्होंने आगे कहा, “हम ऐसे समय में मिल रहे हैं, जब दुनिया अनिश्चितता में जी रही है। युद्ध जैसी स्थितियों ने हमारी विकास या6ा में चुनौतियां बढ़ा दी है। हम पहले से ही जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। हम स्वास्थ्य, भोजन और ऊर्जा सुरक्षा के लिए भी चिंतित हैं। आतंकवाद उग्रवाद और अलगाववाद हमारे समाज के लिए गंभीर खतरा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह वह समय है, जब ग्लोबल साउथ के देश एकजुट होकर एक-दूसरे की ताकत बनें। हमें एक-दूसरे के अनुभव से सीखना होगा और एक-दूसरे की क्षमताओं को साझा करना होगा। भारत ग्लोबल साउथ के साथ सहयोग करने और अपने अनुभवों और क्षमताओं को साझा करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम व्यापार, समावेशी विकास, एसडीजी की प्रगति और महिला नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देना चाहते हैं।
पीएम मोदी ने बताया कि स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर उनका उनका मिशन ‘एक विश्व, एक स्वास्थ्य’ और दृष्टिकोण ‘आरोग्य मैत्री’, जिसका मतलब है ‘स्वास्थ्य के लिए मित्रता’। मानवीय संकट के दौरान भारत अपने मित्र देशों की मदद सबसे पहले करता है।
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