इन्दौर। सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले बच्चों को उनके क्षेत्र या मोहल्ले ंमें ही उनकी पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध हो जाए। इसके लिए शिक्षा विभाग ने मोहल्ला क्लासेस शुरू की थी इन क्लासेस के शुरू होने के बाद अब तक 20 से अधिक शिक्षकों की कोरोना वायरस से मौत होने और दो दर्जन के करीब शिक्षकों के संक्रमित होने के बाद बिना किसी आदेश के अपने स्तर पर ही शिक्षकों ने क्लासेस बंद कर दी।
कोरोना वायरस के संक्रमण के बावजूद शिक्षा विभाग के आदेश पर बच्चों को उनके क्षेत्र में ही पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मोहल्ला क्लासेस शुरू की गई थी। जिसमें पहली से आठवीं तक के बच्चो को पढ़ाई के लिए बुलाया जा रहा था। जब से क्लासेस शुरू हुई है, उसके बाद तेजी से सरकारी स्कूल के शिक्षक कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं। कोरोना से 20 से अधिक शिक्षकों की मृत्यु और दो दर्जन के करीब और शिक्षक मोहल्ला क्लासेस के चलते कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद अस्थाई तौर पर अभी मोहल्ला क्लासेस बंद कर दी गई है। हालांकि क्लासेसों को बंद करने को लेकर अभी अधिकृत आदेश जारी नहीं किया गया है।
निजी स्कूलों को आदेश एक बार में दो से तीन बच्चों को स्कूल बुलाए
केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर 21 सितम्बर से 9वीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूलें खोली गई है। प्रात: 11 से दोपहर 2 बजे तक स्कूल में शिक्षक मौजूद रहेंगे और इस दौरान बच्चो को वे पढ़ाई को लेकर मार्गदर्शन करेंगे। मगर विभाग तक यह शिकायत पहुंची है कि एक बार में एक ही क्लास के 10 से 12 बच्चो को इकट्ठा स्कूल में बुलाया जा रहा है, जिसके बाद जिला शिक्षाधिकारी नेआदेश जारी किया है कि एक बार में ही दो से तीन बच्चों को स्कूल बुलाया जाए।
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