नई दिल्ली: किसान आंदोलन का आज चौथा दिन है. संयुक्त किसान मोर्चा ने आज भारत बंद का आह्वान किया है. इसी बीच किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार के द्वारा पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में दिए गए एफिडेविट में बड़ा खुलासा किया गया है. हरियाणा सरकार ने किसानों पर पार्लियामेंट को घेरने की साजिश का आरोप लगाया है.
एफिडेविट में हाईकोर्ट को बताया गया कि किसान मोडिफाइड ट्रैक्टर और हथियार लेकर दिल्ली में दाखिल होना चाहते हैं और 2020-21 की तरह एक बड़ा आंदोलन करने की तैयारी है. साथ ही एफिडेविट में कहा गया कि किसानों की दिल्ली में दाखिल होकर पार्लियामेंट घेराव की भी पूरी तैयारी है. इसी वजह से किसानों के आंदोलन को शांतिपूर्वक आंदोलन नहीं कहा जा सकता और किसानों को दिल्ली तक बढ़ने से रोका जा रहा है. ये एफिडेविट हरियाणा सरकार के द्वारा पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में किसान आंदोलन को लेकर लगाई गई दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान दाखिल किया गया है. जिसमें कोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार को मामले की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया था.
उधर, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की ओर से आहूत भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली पुलिस पूरी तरह से सतर्क है. राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है. पुलिस ने अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में कई इलाकों में अवरोधक लगाए गए हैं, जिससे यातायात प्रभावित हो सकता है. पंजाब से किसानों ने मंगलवार को दिल्ली चलो मार्च प्रारंभ किया था लेकिन सुरक्षा बलों ने दिल्ली और हरियाणा के बीच शंभू तथा खनौरी सीमा पर उन्हें रोक दिया था. इसके बाद से ही किसान शंभू तथा खनौरी सीमा पर डेरा डाले हुए हैं. दिल्ली और हरियाणा के बीच दो सीमाएं यातायात के लिए बंद हैं और वहां सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है.
सीमा बंद होने के कारण यात्रियों को कुछ रास्तों से गुजरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस अतिरिक्त निगरानी रख रही है और संसद तथा अन्य संवेदनशील स्थानों की ओर जाने वाले रास्तों पर अवरोधक लगाए गए हैं. एसकेएम के भारत बंद आह्वान के मद्देनजर दिल्ली पुलिस पूरी तरह से सतर्क है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि बंद के कारण शहर में यातायात व्यवस्था प्रभावित हो सकती है.
तीसरे दौर की बैठक रही बेनतीजा
बता दें, एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर किसान नेताओं और केन्द्रीय मंत्रियों के बीच तीसरे दौर की वार्ता बृहस्पतिवार देर रात बेनतीजा रही. अब दोनों पक्षों के बीच अगले दौर की बैठक 18 फरवरी को होगी. इस बीच किसानों ने पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर डटे रहने का निर्णय किया है. सिंघू और टीकरी बॉर्डर पर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. किसानों को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकने के लिए जगह-जगह अवरोधक, कंटीले तार और सीमेंट के बड़े पत्थर लगाए गए हैं. मुकरबा चौक के पास जीटी करनाल रोड पर विरोध प्रदर्शन के पहले तीन दिनों में भारी यातायात देखा गया क्योंकि पुलिस ने सड़क पर अवरोधक और सीमेंट के बड़े पत्थर लगाए थे. दिल्ली पुलिस ने सिंघू बॉर्डर पर स्थिति पर नजर रखने के लिए ड्रोन तैनात किए हैं और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की टियर स्मोक यूनिट से आंसू गैस के 30,000 से अधिक गोले मंगाए हैं.
शंभू बॉर्डर पर बुजुर्ग किसान की हार्टअटैक से मौत
उधर, हरियाणा में अंबाला के निकट शंभू सीमा पर प्रदर्शन कर रहे किसानों में शामिल 63 वर्षीय एक बुजुर्ग किसान की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, ज्ञान सिंह ने सुबह छाती में दर्द की शिकायत की जिसके बाद उन्हें पंजाब के राजपुरा में सिविल अस्पताल ले जाया गया. वहां से उन्हें पटियाला के राजेन्द्र अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. बुजुर्ग किसान पंजाब के गुरुदासपुर जिले से थे और किसानों के दिल्ली चलो मार्च में शामिल होने के लिए दो दिन पहले शंभू सीमा पहुंचे थे.
क्या है किसानों की मांग?
बता दें, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘न्याय’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं.
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