रामेश्वर धाकड़
भोपाल। सूखे बुंदेलखंड की प्यास बुझाने के लिए बहुप्रतीक्षित केन-बेन परियोजना का जल बंटवारे को लेकर मप्र और उप्र के बीच 16 साल से चले रहे विवाद का आज प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में निपटारा हो गया है। उप्र ज्यादा पानी की मांग मनमाने में सफल हो गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और योगी आदित्यनात्थ ने पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी (वीडियो कॉफ्रेंस)में आज जल संरक्षण दिवस के अवसर पर केन-बेतवा इंटरलिंकिंग परियोजना पर हस्ताक्षर करेंगे। इसी के साथ इस योजना की शुरूआत हो चुकी है। साथ ही पीएम मोदी ने जल शक्ति अभियान ‘कैच द रेन’ का शुभारंभ किया। केन-बेतवा परियोजना के तहत यूपी की बेतवा और एमपी की केन नदी को लिंक किया जाना है। केन नदी पर बांध बनेगा। इसे बनाने में 45 हजार करोड़ रुपये की अनुमानित राशि खर्च होने की बात कही जा रही है, जिसमें से 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी। जबकि शेष 10 फीसदी राशि दोनों राज्य देंगे। बांध के पानी को यूपी की बेतवा में छोड़ा जाएगा। साथ ही बिजली उत्पादन होगा।
यूपी को मिलेगा ज्यादा पानी
परियोजना की रूपरेखा बनने के समय मप्र को 2650 मिलियन क्यूबिक मीटर और यूपी को 1700 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना निर्धाधित था। यूपी ने बाद में पानी की हिस्सेदारी बढ़ा दी। जिसको लेकर दोनों राज्यों में विवाद बढ़ गया। पिछले एक साल के भीतर दोनों राज्यों के मंत्री, अधिकारी एवं भारत सरकार के मंत्री एवं अधिकारियों की कई बार बैठकें हो चुकी हैं। यूपी को पहले से ज्यादा पानी मिलेगा। इन परियोजना से यूपी के बांद्रा, महोबा, झांसी, ललितपुर और एमपी के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर दामोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन तक को पानी मिलेगा।
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