नई दिल्ली (New Delhi)। कांग्रेस ऐसे हर रिफॉर्म (Reform) का विरोध करती है, जो सेना को मजबूती (strengthen the army) दे। अब कांग्रेस को ये पता चल चुका है कि नौजवानों की ऊर्जा ही सेना की सबसे बड़ी शक्ति है। सेना में भर्ती (Army recruitment) को लेकर सरासर झूठ फैलाया जा रहा है, ताकि मेरे देश के नौजवान सेना में न जाएं। मैं सदन के माध्यम से जानना चाहता हूं कि आखिर किसके लिए कांग्रेस हमारी सेनाओं को कमजोर करना चाहती है, किसके फायदे के लिए कांग्रेस वाले सेना के संबंध में इतना झूठ फैला रहे हैं? पीएम मोदी का यह बयान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का अग्निवीर को लेकर सरकार पर लगाए गए आरोप के जवाब में आया है।
पीएम मोदी के इस बयान को लेकर काफी चर्चा हो रही है। पीएम के बयान के बाद कई लोगों का मानना है कि पीएम ने परोक्ष रूप से अतीत में कांग्रेस और चीन के बीच संबंधों को लेकर निशाना साधा है। हालांकि, इसके पीछे की असली मंशा तो पीएम मोदी ही समझ रहे होंगे। संभव है कि बीजेपी की यह रणनीति हो कि अग्निवीर पर विपक्ष के हमले के जवाब में कांग्रेस की पिछली सरकारों के दौरान सेना से जुड़े घोटाले को फिर से उठाया जाए तो कांग्रेस को बैकफुट पर धकेला जा सकता है। संसद के मौजूदा सत्र में जब कांग्रेस अग्निवीर योजना को लेकर सरकार के खिलाफ आक्रामक है तो पीएम मोदी की तरफ से पलटवार किया गया है।
सेना को लगातार कमजोर करने का आरोप
पीएम ने संसद में राहुल गांधी और कांग्रेस पर जबरदस्त तरीके से हमला किया। पीएम मोदी ने कहा कि सत्ता में रहते हुए सेना को कमजोर किया ही किया, विपक्ष में जाने के बाद भी सेना को कमजोर करने के लगातार प्रयास होते रहे। जब कांग्रेस सरकार में थी, फाइटर जेट नहीं लिए और जब हमने कोशिश की तो कांग्रेस हर तरह की साजिश पर उतर आई। फाइटर जेट एयरफोर्स तक न पहुंच पाए, इसके लिए हर तरह की साजिश की गई।
कांग्रेस, चीन का कनेक्शन
बीजेपी समय-समय पर कांग्रेस-चीन संबंधों को लेकर प्रमुख विपक्षी पार्टी को निशाना बनाती रही है। साल 2024 में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी और चाइना के बीच समझौते की भी खबर आई थी। उस वक्त भी बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।
मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था। दरअसल, यह समझौता साल 2008 में हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार समझौते में इस बात का जिक्र था कि दोनों दलों के बीच उच्चस्तरीय सहयोग और क्षेत्रीय, द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी। इसके साथ ही दोनों दलों के बीच विचारों का आदान-प्रदान होगा। इतना ही नहीं डोकलाम विवाद के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी का चीनी राजदूत से मुलाकात को लेकर भी खूब हंगामा मचा था।
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