नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने ‘एक धरती, एक स्वास्थ्य’ (‘One Earth, One Health’) का मंत्र दोहराते हुए कोरोना महामारी (corona pandemic) से सामूहिक रूप से लड़ने तथा विश्व अर्थव्यवस्था की बहाली (recovery of the world economy) के लिए काम करने का आह्वान किया।
रोम (इटली) में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देशों के मंच के पहले सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने घरेलू मोर्चे पर महामारी का मुकाबला करने के उपायों के साथ ही दुनिया के अन्य देशों को उसकी ओर से दी गई सहायता का जिक्र किया। शिखर वार्ता का पहला सत्र विश्व अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर केंद्रित था। इसमें भाग लेते हुए मोदी ने कहा कि भारत अगले वर्ष के अंत तक 5 अरब कोरोना वैक्सीन का उत्पादन करेगा, जिससे घरेलू मांग को पूरा करने के साथ ही पूरी दुनिया में महामारी से निपटने में मदद मिलेगी। भारत ने आशा व्यक्त की है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत में विकसित को-वैक्सीन को आपातकालीन प्रयोग की शीघ्र अनुमति देगा।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने जी20 शिखर वार्ता में प्रधानमंत्री की व्यस्तता के बारे में मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि मोदी ने विभिन्न देशों द्वारा एक दूसरे के टीकाकरण प्रमाण पत्रों को मान्यता देने पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों को अर्थव्यवस्था की बहाली तथा आपूर्ति श्रृंखला के संबंध में भारत को साझीदार बनाने का आह्वान किया। मोदी ने कहा कि महामारी की चुनौतियों का सामना करते हुए भारत में आर्थिक सुधारों को जारी रखा तथा व्यापार निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाया। भारत का सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र महामारी के दुष्परिणामों से अछूता रहा।
विदेश सचिव ने बताया कि जी20 शिखर वार्ता में न्यूनतम 15 प्रतिशत कॉरपोरेटर टैक्स लगाने को औपचारिक रूप से स्वीकार किया गया। यह भारत के लिए संतोष का विषय है। न्यूनतम कॉर्पोरेट टैक्स का सुझाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2014 में दिया था। इसके जरिए ‘सेफ हैवंस’ यानी दूरदराज के देशों में धन जमा कर चोरी करने तथा धन शोधन जैसी अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण हासिल करने के लिए किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ने शिखर वार्ता के इधर फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और सिंगापुर के प्रधानमंत्री से द्विपक्षीय विचार विमर्श किया। मोदी ने हिंद प्रशांत क्षेत्र में यूरोपीय संघ के देशों की सक्रियता का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने महामारी की दूसरी लहर के दौरान सिंगापुर से मुहैया कराई गई चिकित्सा सामग्री के लिए उस का आभार व्यक्त किया।
शिखर वार्ता में भाग लेने से पहले मोदी ने वेटिकन में रोमन कैथोलिक धर्म गुरु पोप फ्रांसिस से मुलाकात की। यह मुलाकात बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। वार्ता के लिए निर्धारित समय 20 मिनट की बजाय मुलाकात करीब एक घंटा चली। मोदी और पोप ने एक दूसरे को सौगात भेंट की। मोदी ने ईसाई धर्म गुरु को भारत आने का निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। पोप ने भारत यात्रा के निमंत्रण को सबसे बड़ा उपहार बताया। विदेश सचिव ने कहा कि यह एक निजी मुलाकात थी, जिसमें प्रधानमंत्री और अपने अपने दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियां पर विचारों का आदान प्रदान किया। (एजेंसी, हि.स.)
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