नई दिल्ली (New Delhi) । ग्रामीण इलाके (rural areas) में घर (house) के सपने को साकार करने में केंद्र सरकार (Central government) बड़े पैमाने पर मदद कर रही है। दरअसल, सरकार ने 1 अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) लागू किया था। इस योजना के तहत 2.95 करोड़ मकानों के निर्माण का लक्ष्य है। इसके मुकाबले सरकार ने 2.50 करोड़ मकानों का निर्माण पूरा कर लिया गया था। सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक 31 मार्च, 2024 की निर्धारित समय सीमा तक 2.95 करोड़ पक्के घरों के निर्माण के लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।
कैसे पैसे होते हैं ट्रांसफर
बता दें कि पीएमएवाई-जी के तहत केंद्रीय सहायता राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को एक इकाई मानकर सीधे राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को जारी की जाती है। विभिन्न जिलों/ब्लॉकों/ग्राम पंचायतों में लाभार्थियों को ये धनराशि जारी करने का काम संबंधित राज्य सरकार/केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन द्वारा किया जाता है।
पिछले पांच वर्षों यानी वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 के दौरान पीएमएवाई-जी के तहत आवासों के निर्माण के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को जारी की गई केंद्रीय हिस्सेदारी की रकम लगभग 1,60,853.38 करोड़ रुपये थी।
योजना के फायदे
केंद्र सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र नागरिकों को पक्के मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता देती है। आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक योजना के तहत घर मैदानी इलाके में बनाया गया है तो सरकार की ओर से स्वीकृत राशि 1.2 लाख रुपये है और पहाड़ी क्षेत्र में बनाया गया है तो राशि 1.3 लाख रुपये होगी। वित्तीय सहायता के साथ ही लाभार्थी को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, (मनरेगा) के तहत 90 दिनों का रोजगार भी दिया जाता है, जो प्रभावी रूप से लगभग 18000 रुपये है। योजना के तहत शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त 12000 रुपये की पेशकश की जाती है। डिटेल के लिए इस वेबसाइट-https://pmaymis.gov.in/ पर विजिट करें।
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