नई दिल्ली. केंद्र सरकार (central government) ने बढ़ती महंगाई (Inflation) से परेशान आम लोगों को राहत देते हुए बताया कि इससे कब निजात मिलने की उम्मीद है. साथ ही बताया कि महंगाई दर को सीमित दायरे में रखने के लिए केंद्र ने क्या कदम उठाए हैं. वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने कहा कि खाद्य तेल और दालों (Edible Oils & Pulses) का महंगाई के बढ़ने में बड़ा योगदान रहा है. लिहाजा, सरकार ने बाजार में इनकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए शुल्क कटौती के जरिये आपूर्ति में इजाफा करने के उपाए किए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने भी कहा कि पेट्रोल-डीजल पर कर और शुल्क को कम करने के तरीकों को लेकर केंद्र को राज्यों के साथ चर्चा करनी होगी।
‘नई फसल बाजार में आने के बाद कम हो जाएगी महंगाई दर’
राजस्व सचिव तरुण बजाज ने बताया कि नई फसल के बाजार में आने के बाद महंगाई में कमी दर्ज की जाएगी. इसके बाद महंगाई के 4-6 प्रतिशत के दायरे में सीमित रहने की उम्मीद की जा सकती है. उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने महंगाई को लेकर दिशानिर्देश जारी किए हैं. साथ ही कहा है कि महंगाई इस समय थोड़ी ज्यादा है. हालांकि, वह कुछ समय में सामान्य हो जाएगी. बजाज को लगता है कि एक बार फसल आने पर महंगाई कम हो जाएगी. उन्होंने कहा कि मूल्य वृद्धि (Prices Hike) को कम करने की रणनीति के तहत सरकार ने खाद्य तेल और दाल सहित कई उत्पादों पर शुल्क कम किया है।
ऑयल बॉन्ड को लेकर अपने बयान पर बरकरार हैं सीतारमण
बजाज ने कहा कि आपूर्ति पक्ष में सुधार के लिए दाल और खाद्य तेलों की उपलब्धता बढ़ाना सुनिश्चित किया है. इसी का नतीजा है कि जुलाई 2021 में महंगाई कम होकर 5.59 फीसदी रह गई. आरबीआई को उम्मीद है कि यह वित्त वर्ष 2021-22 में 5.7 फीसदी रहेगी. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि खाद्य महंगाई दर में कमी आई है. कोरोना महामारी के दौरान आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) बाधित होने के चलते महंगाई 6 फीसदी से अधिक हो गई थी. सरकार महंगाई पर नजर रख रही है और जरूरत पड़ने पर राज्यों के साथ भी चर्चा कर रही है. ऑयल बॉन्ड (Oil Bonds) को लेकर अपनी टिप्पणी पर सीतारमण ने कहा कि यह संप्रग सरकार की चाल थी, जिसका भुगतान मौजूदा सरकार कर रही है।
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