नई दिल्ली। केन्द की मोदी सरकार (Modi Government) देश की नौकरशाही की क्षमता सुधारने के लिए एक प्रमुख एचआर कंसल्टेंसी फर्म (HR Consultancy Firm) को जिम्मा सौंपना चाहती है. यह पिछले सितंबर में घोषित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के महत्वाकांक्षी ‘मिशन कर्मयोगी’ परियोजना (‘Mission Karmayogi’ Project) का हिस्सा है. इसकी शुरुआत करने के लिए, सलाहकार को भारत सरकार (Indian Government) के सात प्रमुख मंत्रालयों या विभागों के संगठनात्मक ढांचे और कार्य आवंटन दस्तावेजों का अध्ययन करने के लिए कहा जाएगा. इसमें वित्त मंत्रालय Finance Ministry (आर्थिक मामलों का विभाग), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना मंत्रालय प्रौद्योगिकी, ग्रामीण विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, एनएचएआई, पर्यावरण और वन मंत्रालय और डीओपीटी (DoPT) शामिल हैं.
एक विश्लेषण के मुताबिक कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) ने अभ्यास के लिए मानव संसाधन परामर्श और योग्यता विकास में व्यापक अनुभव के साथ एक निजी सलाहकार को काम पर रखने के लिए दो दिन पहले प्रस्ताव का अनुरोध (आरएफपी) जारी किया है. सलाहकार का काम केंद्र सरकार के लिए एक FRAC (भूमिकाओं, गतिविधियों और दक्षताओं का ढांचा) का ढांचा विकसित करना है, जिससे हिसाब से “भविष्य के लिए सिविल सेवा” को ढाला जाएगा जो बड़े सामाजिक और आर्थिक बदलाव का जरिया है.
इस कदम की जानकारी देने वाले दस्तावेज में कहा गया है, “भारत में एक ऐसे इंटरनेट के जानकार और आईटी की जानकारी रखने वाले वर्कफोर्स को तैयार किए जाने की जरूरत है, जो दुनिया के लिए अद्वितीय हो और जैसा प्रयास पहले कभी नहीं हुआ हो.”
इसके पीछे विचार यह है कि चूंकि प्रत्येक सरकारी पद की भूमिकाएं और उससे जुड़ी गतिविधियां अलग-अलग होती हैं और हर गतिविधि को पूरा करने के लिए अलग-अलग स्किल्स की आवश्यकता होती है. दस्तावेज़ में कहा गया है, “FRAC व्यवहारिक विशेषताओं, कार्यात्मक कौशल और डोमेन ज्ञान में अपनी वांछित दक्षताओं के साथ प्रत्येक सरकारी स्थिति के अनुरूप भूमिकाओं और गतिविधियों को तय करेगा. प्रत्येक योग्यता में दक्षता के कई स्तर होंगे, जो एक स्तर से दूसरे स्तर तक क्रमिक प्रगति को दर्शाने वाले चरणबद्ध तरीके से व्यवस्थित होंगे. इसमें अधिकारियों को नई स्किल्स हासिल करना और अपने करियर में प्रगति के साथ खुद का विकास करना भी शामिल होगा.दस्तावेज के मुताबिक “FRAC के माध्यम से, अधिकारियों को सरकार में उनके वर्तमान या भविष्य के पदों के संबंध में अपेक्षित परिणामों से जुड़ी आवश्यक भूमिकाओं, गतिविधियों और दक्षताओं के बारे में जानकारी होगी. यह परीक्षण यह आकलन करने में भी सक्षम होगा कि किसी पद पर रहने वाले व्यक्ति में ये क्षमताएं किस हद तक हैं और इसके साथ ही यह उन कमियों के बारे में भी बताएगा जिन पर काम किए जाने की जरूरत है. मोटे तौर पर ऑनलाइन प्रशिक्षण देने का यह काम एक ऑनलाइन शिक्षण मंच iGOT कर्मयोगी के जरिए किया जाएगा, जो FRAC से संबद्ध है.”
हायर किया गया सलाहकार सरकार को सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंधन संस्थान में एक FRAC उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने और संचालित करने और FRAC के लिए रणनीति और संचालन प्रक्रियाओं को विकसित करने में मदद करेगा. इसमें वैश्विक प्रथाओं का मूल्यांकन, स्थानीय संदर्भ में परिकल्पना का परीक्षण, केंद्रित समूह चर्चा, विचारकों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ कार्यशालाएं और विभिन्न विभागों में संगठन संरचनाओं और कार्य आवंटन दस्तावेजों का अध्ययन शामिल होगा.
दस्तावेज़ के अनुसार FRAC तीन प्रकार की दक्षताओं को परिभाषित करेगा. सबसे पहले, व्यवहारिक दक्षताएं होंगी जो उन मूल्यों और शक्तियों के बारे में बताती हैं जो अधिकारियों को प्रभावी ढंग से प्रदर्शन करने में मदद करती हैं, जिसमें समस्या समाधान, निर्णय लेने और नेटवर्किंग जैसे दृष्टिकोण शामिल हैं. दूसरी परियोजना प्रबंधन, समय प्रबंधन और संचार के माध्यम से डोमेन और पदों पर प्रभावी ढंग से प्रदर्शन करने के लिए कौशल और ज्ञान के अनुप्रयोग जैसी कार्यात्मक दक्षताएं होंगी. तीसरी डोमेन दक्षताएं होंगी, जैसे केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) में काम करने वाले अधिकारियों को अप्रत्यक्ष कराधान, सीमा शुल्क और सतर्कता योजना में दक्षताओं की आवश्यकता होती है. दस्तावेज के मुताबिक “इन दक्षताओं और कौशलों का विस्तार किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पद पर रहने वाला अपनी जिम्मेदारियों से अवगत है और उसके वरिष्ठ भी अधीनस्थ के अपेक्षित परिणामों से अवगत हैं.”
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