नई दिल्ली (New Dehli) । मोदी सरकार (Modi government)ने उड़द और अरहर पर लगी भंडारण सीमा (storage limit)में संशोधन किया है। इन दोनों दालों पर मौजूदा (current on pulses)भंडारण सीमा में इजाफा (increase)किया है। संशोधित स्टॉक सीमा तत्काल प्रभाव से लागू होगी। सरकार ने थोक कारोबारियों को अब प्रत्येक दाल का 200 टन स्टॉक रखने की इजाजत दी है। पहले ये कारोबारी 50 टन दाल रख सकते थे। खुदरा दाल कारोबारियों को दोनों दालों में से प्रत्येक का पांच टन स्टॉक रखने की अनुमति होगी। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया।
बड़ी बिक्री चेन वाले खुदरा विक्रेता हर एक खुदरा बिक्री स्थल पर प्रत्येक दाल का पांच टन स्टॉक रख सकते हैं, जबकि डिपो या गोदाम में दाल रखने की सीमा 200 टन होगी। पहले डिपो पर दाल रखने की सीमा 50 टन थी। मिल वाले पिछले 3 महीने के उत्पादन का या वार्षिक क्षमता का 25 फीसदी इनमें जो भी ज्यादा हो दाल का स्टॉक रख पाएंगे।
दालों का स्टॉक कस्टम क्लीयरेंस लिमिट बढ़ी
पहले मिल वालों के लिए यह सीमा एक महीने के उत्पादन या वार्षिक क्षमता का 10 फीसदी थी। आयातक इन दालों का स्टॉक कस्टम क्लीयरेंस के 60 दिनों तक रख सकेंगे। पहले आयातक 30 दिन तक की दाल रख सकते थे। अगर किसी कारोबारी के पास इस तय सीमा से ज्यादा दालें हैं तो वे उपभोक्ता मामले विभाग के पोर्टल पर सूचित करेंगे कि वे इस अधिसूचना के जारी होने के 30 दिन के भीतर भंडार को निर्धारित सीमा तक लाएंगे। दाल कारोबारियों को विभाग के पोर्टल पर दालों की उपलब्धता की नियमित घोषणा करनी होगी।
31 दिसंबर तक के लिए प्रभावी
केंद्र सरकार ने दालों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए अरहर व उडद दालों पर भंडारण सीमा लगाई थी। सरकार ने सितंबर महीने में अरहर व उड़द दाल की सीमा को घटा दिया था। अब सरकार ने फिर से इस सीमा को बढ़ा दिया है। पहले सीमा 30 अक्टूबर तक के लिए प्रभावी थी। इसे भी हाल में बढ़ाकर 31 दिसंबर तक के लिए प्रभावी कर दिया गया है।
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