नई दिल्ली; असंगठित क्षेत्र (Unorganised Sector) के मजदूरों को भी पेंशन (Pension) की सौगात मिलने की योजना बनाई जा रही है. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को पेंशन के तौर पर आर्थिक सहायता देने की योजना बनाई है. केंद्र सरकार इसको लेकर ‘डोनेट पेंशन’ (Donate Pension) अभियान चलाने की तैयारी कर रही है.
स्वैच्छिक रूप से इस पेंशन योजना में सहयोग देने के लिए प्रेरित किया जाएगा और यह अभियान ‘गिव इट अप’ (Give it up)अभियान का ही एक हिस्सा होगा. लोगों के लिए रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ने का आह्वान किया गया था. सरकार की इस योजना के तहत लाभार्थी 60 साल की आयु में 3 हजार रुपये की मंथली पेंशन पाने के लिए पात्र होंगे. श्रम मंत्रालय की ओर से इस संबंध में उच्च स्तर पर विचार के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है.
श्रम मंत्रालय से मिले आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर के महीने में सिर्फ 35 श्रमिकों ने इस योजना के तहत नामांकन किया है. वहीं सितंबर के महीने में 85 श्रमिकों ने पंजीकरण कराया था. इस साल अबतक औसत मासिक पंजीकरण 2,366 दर्ज किया गया है.
इस योजना में 18-40 आयु वर्ग के हर महीने 15 हजार रुपये कमाने वाले असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को फायदा मिलेगा और योजना के तहत 55 रुपये से लेकर 200 रुपये के बीच योगदान करना होगा. वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से एक समान योगदान किया जाएगा.
‘डोनेट पेंशन’ अभियान में एक व्यक्ति को केवल 36,000 रुपये प्रति मजदूर खर्च आने की संभावना है. यह प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के तहत एकमुश्त भुगतान है, जो श्रमिक द्वारा अपने पूरे जीवन के दौरान किए जाने वाले मासिक योगदान की भरपाई करेगा. इस योजना के तहत लाभार्थी 60 वर्ष की आयु से 3,000 रुपये मासिक पेंशन के लिए पात्र होगा.
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