नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पिछले एक दशक में रोजगार को काफी बढ़ावा दिया है। 2004 से 2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के कार्यकाल की तुलना में वर्तमान सरकार के कार्यकाल में लगभग पांच गुना अधिक नौकरियां पैदा हुईं हैं। केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय रिजर्व बैंक और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के आंकड़ों का हवाला देते हुए यह दावा किया है।
मनसुख मांडविया ने बातचीत में बताया, “आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 2004 से 2014 के बीच, यूपीए के 10 साल के कार्यकाल के दौरान 2.9 करोड़ नौकरियां पैदा हुईं। और 2024 में, सिर्फ एक साल में, 4.9 करोड़ नौकरियां पैदा हुई हैं, और ये आंकड़े मेरे अपने नहीं हैं, मैं आरबीआई के आंकड़ों का हवाला दे रहा हूं”।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2004 से 2014 के बीच, यूपीए सरकार ने 2.9 करोड़ अतिरिक्त नौकरियां पैदा कीं। इसके विपरीत, मोदी सरकार ने 2014 से 2024 तक के अपने कार्यकाल में 17.19 करोड़ नए रोजगार सृजित किए। अकेले वर्ष 2023-24 में 4.6 करोड़ रोजगार सृजित हुए। आंकड़ों के अनुसार, यूपीए के तहत दस वर्षों में रोजगार में महज 6 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वहीं, मौजूदा सरकार के तहत रोजगार में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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