नई दिल्ली: 5 राज्यों में मतदान के बाद एग्जिट पोल (Exit poll after voting in 5 states) के रुझान आने शुरू हो गए हैं. इसी बीच सरकार को बड़ी खुशखबरी मिली (Government got great news) है. दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी के आंकड़े 7.5 फीसदी के पार चले गए हैं. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी एनएसओ ने गुरुवार को जीडीपी के आंकड़ें जारी (GDP figures released) कर दिए हैं. आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी (India’s GDP) में दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में विश्लेषकों की उम्मीदों से अधिक 7.6 फीसदी की वृद्धि देखी गई. जबकि एक साल पहले समान अवधि में देश की जीडीपी 6.2 फीसदी पर थी.खास बात तो ये है कि खुद देश के सेंट्रल बैंक आरबीआई ने 6.5 फीसदी की उम्मीद लगाई थी.
एनएसओ की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार रियल जीडीपी या स्टेबल प्राइस (2011-12) कीमतों पर जीडीपी 2023-24 की दूसरी तिमाही में 41.74 लाख करोड़ रुपये के स्तर तक पहुंचने का अनुमान है, जबकि 2022-23 की दूसरी तिमाही में यह 38.78 लाख करोड़ रुपए था. वित्त वर्ष 2022—23 की दूसरी तिमाही में देश का ग्रोथ रेट 6.2 फीसदी थी. भारतीय रिज़र्व बैंक के रेट सेटिंग पैनल ने ने अक्टूबर की बैठक में ग्रोथ रेट का अनुमान 6.5 फीसदी लगाया था.
कृषि, पशुधन, वानिकी और मछली पकड़ने के उद्योग में दूसरी तिमाही में 1.2 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है. जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह ग्रोथ 2.5 फीसदी देखने को मिली थी. इस बीच माइनिंग और क्वारिंग में 10 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली है, जबकि पिछले साल की समान अवधि में 0.1 फीसदी का इजाफा देखने को मिला था. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. दूसरी तिमाही में यह आंकड़ा 13.9 फीसदी देखने को मिला है. जो पिछले साल की समान अवधि में 3.8 फीसदी पर था. कंज्यूमर डिमांड मजबूत बनी हुई है, जो जीडीपी की ग्रोथ में लगभग 60% योगदान देती है. अनियमित मानसून से महंगाई के दबाव के बावजूद, भारत की 1.4 अरब से अधिक लोगों की विशाल आबादी की डिमांड स्टेबल बनी हुई है.
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