नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से केंद्र की मोदी सरकार (PM Modi) को बड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने सेंट्रल विस्टा प्रॉजेक्ट (Central Vista Project News) को हरी झंडी दे दी है। पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने संसद भवन के शिलान्यास को मंजूरी दे दी थी। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने 2-1 के बहुमत से यह फैसला सुनाते हुए कहा कि पीठ सरकार को इस योजना के लिए मंजूरी दे रही है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर को को नए संसद भवन की इमारत का शिलान्यास किया था। 7 दिसंबर को हुई पिछली सुनवाई में उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि उसे शिलान्यास करने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक कोई निर्माण, तोड़फोड़ या पेड़ गिराने का काम ना हो।
राष्ट्रीय राजधानी में सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत संसद के नए परिसर, केंद्रीय मंत्रालयों के लिए सरकारी इमारतों, उपराष्ट्रपति के लिए नए इनक्लेव, प्रधानमंत्री के कार्यालय और आवास समेत अन्य निर्माण किए जाने हैं। परियोजना का काम कर रहे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने अनुमानित लागत को 11,794 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 13,450 करोड़ रुपये कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि 2022 में यह प्रॉजेक्ट पूरा हो जाएगा और आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर संसद सत्र नए भवन में ही चलेंगे।
नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा। राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा। कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा। नए संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नया संसद भवन वर्ष 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर नए भारत की आवश्यकताओं तथा आकांक्षाओं के अनुरूप होगा।
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