नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू *CM Chandrababu Naidu) ने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात की थी। दोनों नेताओं की मुलाकात के 5 दिन ही बीते हैं कि केंद्र ने आंध्र प्रदेश में 60,000 करोड़ (60 thousand crores) रुपये के निवेश से तेल रिफाइनरी (oil refinery) और पेट्रो केमिकल हब स्थापित करने की प्रमुख मांग को स्वीकार कर लिया है। नायडू ने बुधवार को राज्य में रिफाइनरी स्थापित करने की व्यवहार्यता पर चर्चा करने के लिए भारत पेट्रोलियम कॉपोर्रेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात भी की। अब लोगों की नजरे ंबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जा टिकी हैं। ऐसा इसलिए कि केंद्र सरकार में टीडीपी के साथ-साथ जेडीयू की भी अहम भूमिका है।
एक रिपोर्ट में जानकार लोगों के हवाले से बताया है कि रिफाइनरी के लिए तीन स्थानों पर चर्चा की गई। इनमें श्रीकाकुलम, मछलीपट्टनम और रामायपट्टनम शामिल हैं। लोगों ने कहा कि रिफाइनरी की औपचारिक घोषणा 23 जुलाई को पेश किए जाने वाले बजट में किए जाने की संभावना है। स्थानों का आकलन किया जाएगा और फिर उन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा। सूत्रों ने कहा कि इस प्रक्रिया में कम से कम दो महीने लगेंगे और बजट में स्थान की घोषणा नहीं की जा सकती है।
आपको बता दें कि यह चंद्रबाबू नायडू के लिए बड़ी जीत है, क्योंकि उन्होंने पीएम और पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी के साथ अपनी बैठकों के दौरान रिफाइनरी स्थापित करने पर जोर दिया था। नायडू के 16 सांसद भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को समर्थन देते हैं। हालांकि, नायडू स्पष्ट रूप से लगातार कह रहे हैं कि उनके मन में अपने राज्य के हित हैं और वे किसी भी मांग को लेकर सरकार नहीं गिराएंगे।
बीपीसीएल और पेट्रोलियम मंत्रालय इस कदम के बारे में फिलहाल चुप है। सीएम नायडू ने एक्स पर लिखा, देश के पूर्वी तट पर रणनीतिक रूप से स्थित हमारे राज्य में पेट्रो केमिकल की महत्वपूर्ण क्षमता है। आज मैंने अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार के नेतृत्व में भारत पेट्रोलियम कॉपोर्रेशन लिमिटेड के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। हमने 60-70 हजार करोड़ रुपये के निवेश के साथ आंध्र प्रदेश में एक तेल रिफाइनरी और पेट्रो केमिकल कॉम्प्लेक्स की स्थापना की संभावना तलाशी। मैंने 90 दिनों में एक विस्तृत योजना के साथ रिपोर्ट मांगी है। इस परियोजना के लिए लगभग 5000 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी, जिसे सरकार बिना किसी परेशानी के पूरा करने की उम्मीद करती है।
बिहार की मुख्य मांगें
बिहार नौ हवाई अड्डे, चार नई मेट्रो लाइन्स और सात मेडिकल कॉलेज के साथ 200 अरब रुपये का थर्मल पावर प्लांट लगाने के लिए पैसा मांगा है। 20,000 किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कों की मरम्मत के लिए अलग से पैकेज की मांग रखी है। साथ ही, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का मुद्दा भी उठाया है। ऐसे में बिहार को लेकर बजट में कुछ बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved