नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि सरकार निजीकरण (policy privatization) की अपनी नीति पर कायम है और उस पर आगे काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि कुछ रणनीतिक सेक्टर को छोड़कर सभी क्षेत्र निजीकरण के लिए खुले हैं। उद्योग संगठन पीएचडी चेंबर आफ कामर्स (ChamberofCommerce पीएचडीसीसीआइ) की तरफ से बजट पर संवाद के लिए आयोजित कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा कि सिर्फ सरकार के काम करने से नहीं बल्कि निजी सेक्टर (private sector) के आगे आकर काम करने से नए भारत का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए निजी सेक्टर को टीम इंडिया में शामिल होने का आमंत्रण दिया गया है। वित्त मंत्री ( Finance Minister) ने कहा कि बजट में नए इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये के खर्च की घोषणा की गई है जो चालू वित्त वर्ष के पूंजीगत खर्च के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नए इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के साथ पुराने इन्फ्रास्ट्रक्चर का भी ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले भी इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हुआ, लेकिन वे उचित तरीके से जोड़े नहीं गए जिससे यातायात की लागत कम नहीं हुई और वह सप्लाई चेन को सुगम करने का हिस्सा नहीं बन पाए। उन्होंने कहा कि एक दूसरे को जोड़ने के लिए दो प्रकार के साधन विकसित किए जाएंगे।
एक साधन प्राकृतिक संसाधन पर आधारित होगा तो दूसरा उद्यमियों की तरफ से विकसित किए जाएंगे। यातायात और एक-दूसरे को जोड़ने की ये सुविधाएं इकोनामिक जोन से जुड़ी होंगी। इसके अलावा इकोनामिक कारिडोर और लाजिस्टिक हब बनाए जाएंगे और यह सारा निर्माण गतिशक्ति कार्यक्रम के तहत होगा। इससे निवेश में वृद्धि होगा और लागत कम होने से निवेश पर रिटर्न अधिक मिलेगा। सीतारमण ने बताया कि कारोबार की सहूलियत के लिए पिछले सात-आठ सालों में 1400 से अधिक नियमों को समाप्त किया गया।
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