नई दिल्ली। पैगंबर मोहम्मद को लेकर कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर नुपुर शर्मा व नवीन जिंदल को भाजपा से निलंबित किए जाने का मामला तूल पकड़ रहा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे लेकर अपनी ही पार्टी की सरकार को घेरा। स्वामी ने ट्वीट कर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने छोटे से देश कतर के आगे साष्टांग दंडवत कर दिया।
दो भाजपा नेताओं के निलंबन पर भड़के सुब्रमण्यम स्वामी यहीं नहीं रुके उन्होंने पूरे आठ साल के कार्यकाल में विदेश नीति को लेकर सवाल खड़े कर दिए। स्वामी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत माता को शर्म से सिर झुकाना पड़ा। हम लद्दाख में चीनियों के सामने रेंगते नजर आए, रूसियों के सामने घुटने टेके और क्वाड में अमेरिकियों के सामने गिड़गिड़ाए। अब हमने छोटे से देश कतर के सामने साष्टांग दंडवत किया। यह हमारी विदेश नीति का पतन है।
दरअसल, कहा जा रहा है कि कतर के दबाव में भाजपा ने अपने दो पार्टी नेताओं का निलंबन किया है। नुपुर शर्मा व नवीन जिंदल पर आरोप है कि उन्होंने बीते दिनों पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कही थीं। इसका भारत के मुस्लिमों समेत अरब के कई देशों द्वारा विरोध किया जा रहा है। नुपुर शर्मा ने अपनी विवादित टिप्पणियों को लेकर माफी मांगी है।
कई देशों में भारतीय राजदूत तलब
विवादित टिप्पणी को लेकर रविवार को कतर, कुवैत और ईरान ने भारतीय राजदूतों को तलब कर गहरी नाराजगी जताई और सख्त कार्रवाई की मांग की। भारत ने इन देशों से कहा है कि इस तरह की टिप्पणियां सरकार के विचार नहीं हैं और ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। राजदूत ने उन्हें बताया कि यह किसी तरह से भारत सरकार की भावना नहीं है। ऐसा हाशिये पर खड़े लोगों ने कहा है। भारत अपनी अनेकता में एकता की सांस्कृतिक विरासत के आधार पर सभी धर्मों को उच्चतम आदर देता है। इस तरह की टिप्पणी करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जा रही है। संबंधित संगठन ने बयान जारी कर सभी धर्मों को आदर देने और किसी भी धर्म के व्यक्ति के सम्मान को चोट पहुंचाने के कदम की निंदा की है।
विवादास्पद बयान कुछ अराजक तत्वों का विचार
भारत ने रविवार को कतर से कहा कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ कोई भी विवादास्पद बयान कुछ अराजक तत्वों का विचार हो सकता है, लेकिन सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। कतर की राजधानी दोहा में स्थित भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि राजदूत ने विदेश कार्यालय में एक बैठक की, जिसमें भारत में धार्मिक शख्सियत को बदनाम करने वाले कुछ आपत्तिजनक ट्वीट के संबंध में चिंता व्यक्त की गई है।
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