रायपुर । छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज (Chhattisgadh Pradesh Congress President Deepak Baij) ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government at the Center) नाम बदलने के सिवा (Except changing the Name) कोई काम नहीं कर रही है (Is not doing any Work) ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शनिवार को सरकारी कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) को मंजूरी दे दी। इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 23 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। केंद्र सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बंद कर दिया। कांग्रेस और सभी पेंशनधारी कर्मचारी लगातार ओपीएस को दोबारा लाने की मांग करते रहे हैं। पिछले समय छत्तीसगढ़ में हमारी कांग्रेस की सरकार ने ओपीएस को लागू किया। उसे देखते हुए फिर केंद्र सरकार ने सिर्फ पेंशन योजना का नाम बदलने का काम किया है। मैं समझता हूं कि सरकार नाम बदलने के सिवा कुछ भी काम नहीं कर रही है। इसमें कुछ नई बात नहीं है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि उनके बयानों पर कोई भरोसा और विश्वास नहीं है। उनकी विश्वसनीयता खत्म हो गई है। उन्होंने कहा था कि 2018 में नक्सलवाद खत्म कर देंगे, फिर कहा कि 2020 में नक्सलवाद खत्म कर देंगे, फिर कहते हैं कि 2022 में नक्सलवाद खत्म कर देंगे, फिर 2024 और अब 2026 में नक्सलवाद खत्म करने की बात कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ की जनता और बस्तर की जनता को मूर्ख बनाने के अलावा वह कुछ नहीं कर रहे हैं। उनकी बातों में कोई दम नहीं है।
गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के कार्यकाल और भाजपा के सात महीने के कार्यकाल की तुलना करते हुए दावा किया था कि नक्सलवाद पर ज्यादा सफलता भाजपा के कार्यकाल में मिली है। उनके इस बयान पर दीपक बैज ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अपनी नाकामयाबी को छुपाने का प्रयास कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार ने उनको गुमराह करने का काम किया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पांच साल की पिछली कांग्रेस सरकार में बस्तर शांति की ओर लौट चुका था और खुद गृहमंत्री तथा केंद्र सरकार के लोग भी यह कहते थे कि बस्तर और छत्तीसगढ़ शांति की ओर लौट रहा है। फिर अब सात महीने में ऐसा कौन सा चमत्कार हो गया है। आज आधे से ज्यादा मुठभेड़ फर्जी हैं और फर्जी सरेंडर के सिवा कुछ नहीं हुआ है, अगर उस बात का भी जिक्र कर लेते तो ज्यादा बेहतर होता। उन्होंने नक्सलवाद पर राजनीति न करने की अपील की।
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