• img-fluid

    मोदी कैबिनेट – अगले वर्ष होने वाले चुनावी राज्यों और सहयोगी दलों को मिलेगी प्राथमिकता

  • July 03, 2021


    नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet expansion) कभी भी हो सकता है। उनकी इस बार बड़ा फेरबदल (Big change) करने की मंशा (Desire) हैं । वे इसमें अगले वर्ष होने वाले चुनावी (Next year election) राज्यों और सहयोगी दलों (States and allies) को प्राथमिकता (Priority) देंगे। वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में 53 मंत्री है जिन्हें वे 81 तक बढ़ा सकते है इस लिहाज़ से 28 नए मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की गुंजाईश है।
    संभावित मंत्रिमंडल में उन नौ मंत्रियों जिनके पास एक से अधिक मंत्रालयों का प्रभार हैं,के कार्य भार को हल्का कर उनके कार्य का विभाजन नए मंत्रियों को दिया जाएगा । वर्तमान में नितिन गड़करी, प्रकाश जावडेकर, रवि शंकर प्रसाद, डॉ हर्ष वर्धन,पीयूष गोयल, नरेन्द्र सिंह तोमर,धर्मेन्द्र प्रधान,स्मृति ईरानी,हरदीप सिंह पुरी आदि के पास एक से अधिक मंत्रालय के प्रभार हैं।
    पिछले वर्षों में एनडीए गठबंधन से शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल के बाहर होने और रामविलास पासवान एवं सुरेश अगाड़ी आदि मंत्रियों के निधन के बाद से मंत्रिमंडल में कुछ अहम पद खाली हैं और लोकसभा उपाध्यक्ष का पद भी रिक्त है ।
    पिछला पूरा वर्ष कोविड-19 (कोरोना) की भेंट चढ़ गया और यह वर्ष कोरोना की दूसरी लहर की गहरी मार और तीसरी लहर की संभावनाओं से जूझ रहा हैं । इसलिए मोदी सरकार की पहली और दूसरी सालगिरह के अवसर पर मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका, लेकिन अब जब कोरोना की मार काफ़ी कम हो गई तब मंत्रिमंडल विस्तार के लिए यह समय उपयुक्त माना जा रहा है।
    कयास इस बात के भी लगाए जा रहे हैं कि कुछ राज्यों के वर्तमान और पूर्व मुख्यमंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की कवायद भी चल रही है, साथ ही उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर, गुजरात,हिमाचल प्रदेश में आने वाले समय में होने वाले विधानसभा चुनावों को ध्यान में रख विस्तार में काफी महत्वपूर्ण परिवर्तन हो सकते हैं । मोदी भाजपा सांसदों के साथ ही एनडीए के सहयोगी दलों में से कुछ महत्वपूर्ण नेताओं विशेषकर नितीश कुमार की जनता दल यू अपना दल आदि को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं ।
    मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल विस्तार की प्रतीक्षा लंबे समय से की जा रही है। बीते साल मार्च में भी विस्तार पर मंथन हुआ था। इसी बीच कोरोना महामारी की दस्तक और बाद में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के कारण विस्तार टल गया था। गौरतलब है कि दूसरे कार्यकाल में पूर्व सहयोगियों शिवसेना और अकाली दल के कोटे के मंत्रियों के इस्तीफे, दो मंत्रियों की असामयिक मौत के कारण कई मंत्रियों पर काम का बोझ बहुत ज्यादा है। कई मंत्री तीन से चार विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा शिवसेना और अकाली दल के राजग से हटने के कारण वर्तमान सरकार में सहयोगी दलों का नेतृत्व प्रतीकात्मक हो गया है। वर्तमान में सिर्फ आरपीआई के रामदास अठावले बतौर राज्य मंत्री सरकार में शामिल हैं। जबकि लोकसभा में प्रतिनिधित्व रखने वाले एक भी सहयोगी दल को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व हासिल नहीं है।
    अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों और उसके अगले वर्ष राजस्थान मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के चुनाव के बाद 2024 में लोकसभा के चुनावों और विपक्षी ताकतों के एकजुट होने की संभावनाओं को देखते हुए एनडीए का कुनबा बढ़ाना जरुरी हैं तथा भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिन्धिया और जितिन प्रसाद जैसे कांग्रेसी नेताओं को भी समायोजित करना है। विशेष कर भाजपा देश के सबसे बड़े प्रांत उत्तर प्रदेश और मोदी के गृह राज्य गुजरात को हर हालात में जीतने की रणनीति को प्राथमिकता देना चाहती हैं क्योंकि इन राज्यों के चुनाव परिणाम अगले लोकसभा चुनावों के लिए एक बड़ा संकेत देने वाले साबित होंगे ।
    बताया जा रहा हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रिमंडल का पूरा खाका तैयार कर लिया हैं और सम्भावना हैं कि इस बड़े विस्तार में भाजपा और सहयोगी दलों के क़रीब 20-25 मंत्री बनाये जायेगे । जहां तक राजस्थान के प्रतिनिधत्व का सवाल हैं संभावना हैं कि प्रदेश के एक दो सांसदों को मंत्रिमंडल विस्तार में स्थान मिल सकता हैं ।इनमें भाजपा के राष्ट्रीय महा सचिव और गुजरात एवं बिहार के प्रभारी भूपेन्द्र यादव, पूर्व राज्य मंत्री एवं पाली सांसद पी पी चौधरी, चूरु सांसद राहुल कस्वां अथवा बाबा रामदेव के निकटवर्ती सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती,राजसमन्द सांसद दिया कुमारी आदि के नाम चर्चाओं में हैं।
    राजनैतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर हैं कि भावी मंत्रिमंडल में सबसे अधिक स्थान उत्तरप्रदेश को मिलना तय है। वहाँ से वरुण गांधी, रीता बहुगुणा जोशी,रमाशंकर कठारिया,अनिल हैं, ज़फ़र इस्लाम और सहयोगी अपना दल की अनुप्रिया पटेल के अलावा कुछ अन्य नाम चर्चाओं में हैं। बिहार से पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, दिवंगत रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस , जनता दल यूनाइटेड के लल्लन सिंह, रामनाथ ठाकुर, सन्तोष कुशवाह आदि शामिल है। मध्य प्रदेश से पूर्व कांग्रेसी नेता ज्योतिरादित्य सिन्धिया और अन्य तथा असम से पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानन्द सोनोवाल, महाराष्ट्र से नारायण राणे,पूनम महाजन ,प्रीतम मुंडे आदि,दिल्ली से मीनाक्षी लेखी और प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, श्याम जाजू, उत्तराखंड से अनिल बिलूनी,अजय भट्ट आदि,हरियाणा से बृजेंद्र सिंह, कर्नाटका से प्रताप सिमहा डॉक्टर देवी शेट्टी आदि के नाम चर्चाओं में हैं। इसके अलावा मोदी मंत्री मंडल के वर्तमान कुछ मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है।

    Share:

    जब 25 साल के थे तो आत्महत्या करना चाहते थे अन्ना हजारे, फिर जिंदगी को ऐसे मिला लक्ष्य

    Sat Jul 3 , 2021
    नई दिल्ली। लोगों को छोटी-छोटी परेशानियों से लड़ने की बजाय खूबसूरत सी जिंदगी से हार मानाना आसान सा लगने लगा है। यही वजह है कि जरा सी बात पर लोग अपनी जान दे देते हैं। आत्महत्या की घटनाओं बढ़ोतरी के बीच एक कार्यक्रम में सरकार को हिला देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved