नई दिल्ली । चीन (China) में कोरोना महामारी (corona Epidemic) से ‘सुनामी’ का खतरा पल-पल गहराता जा रहा है। भारत (India) भी कोरोनो के खतरे को कम नहीं लेना चाहता। इसीलिए केंद्र सरकार (central government) की पहल पर कोरोना प्रबंधन (corona management) की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज देशभर के अस्पतालों (hospitals) में मॉक ड्रिल (mock drill) आयोजित की जाएगी। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा यह ड्रिल की जाएगी। इसमें कोरोना प्रबंधन से जुड़ी आठ प्रकार की तैयारियों को परखा जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस बारे में राज्यों को पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
आठ प्रकार की तैयारियां परखी जाएंगी
राज्यों को कहा गया है कि वह मॉक ड्रिल के दौरान आठ प्रकार की तैयारियों को जांचें। इनमें प्रत्येक जिले में क्षेत्रवार स्वास्थ्य केंद्रों की उपलब्धता तथा कोविड मरीजों के लिए बिस्तरों की उपलब्धता देखी जाएगी, जिसमें आइसोलेशन, ऑक्सीजन, आईसीयू तथा वेंटीलेटर बेड शामिल हैं। तीसरे, मानव संसाधनों की उपलब्धता और प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। इनमें स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड प्रबंधन से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाए। खासकर इसमें वेंटीलेटर, पीएसए संयंत्रों का संचालन शामिल है। चौथे, प्रत्येक जिले में रेफरल सेवाओं को भी परखा जाएगा। इसके लिए एम्बुलेंस तथा आवश्यक लाइफ सपोर्ट सिस्टम की उपलब्धता जरूरी है तथा एम्बुलेंस सेवाएं देने वाली संस्थानों से नेटवर्किंग और प्रभावी कॉल सेंटर होना चाहिए।
आरटीपीसीआर लैब की उपलब्धता
मॉक ड्रिल के दौरान टेस्टिंग सुविधा एवं उसकी क्षमता को भी परखा जाएगा। इसमें कोविड जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। छठी तैयारी लॉजिस्टक से जुड़ी होगी, जिसमें दवाओं, वेंटीलेटर, बिप्स, एन-95 मास्क, पीपीई किट आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
टेलीमेडिसिन सेवाओं भी चुस्त-दुरुस्त
सातवें प्रकार की तैयारी मेडिकल ऑक्सीजन की होगी। इसके तहत पीएसए संयंत्रों की सक्रियता, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। आठवीं तैयारी में टेलीमेडिसिन सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त करने को कहा गया है।
मंडाविया सफदरजंग अस्पताल में रहेंगे
मॉक ड्रिल के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सफदरजंग अस्पताल में होंगे। उनके अलावा राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के भी जुटने की संभावना है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस बारे में राज्यों को पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। राज्यों को कहा गया है कि वे मॉक ड्रिल के दौरान आठ प्रकार की तैयारियों को जांचें। इनमें प्रत्येक जिले में क्षेत्रवार स्वास्थ्य केंद्रों की उपलब्धता तथा कोविड मरीजों के लिए बिस्तरों की उपलब्धता देखी जाएगी। इसमें आइसोलेशन, ऑक्सीजन, आईसीयू तथा वेंटीलेटर बेड शामिल हैं। इसके साथ ही मानव संसाधनों की उपलब्धता और उनका प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। खासकर इसमें वेंटीलेयर, पीएसए संयंत्रों का संचालन शामिल है। प्रत्येक जिले में रेफरल सेवाओं को भी परखा जाएगा। इसके लिए एंबुलेस तथा आवश्यक लाइफ सपोर्ट सिस्टम की उपलब्धता जरूरी है। एम्बुलेंस सेवाएं देने वाली संस्थानों से नेटवर्किंग और प्रभावी कॉल सेंटर होना चाहिए।
इसके तहत ऑक्सीजन, पीएसए संयंत्रों की सक्रियता, ऑक्सीजन सिलेंडर, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही टेलीमेडिसिन सेवाओं को चुस्त-दुरुस्त करने को कहा गया है। मॉक ड्रिल के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया सफदरजंग अस्पताल में होंगे। उनके अलावा राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों के भी जुटने की संभावना है।
टेस्टिंग सुविधा को भी परखा जाएगा
मॉक ड्रिल के दौरान टेस्टिंग सुविधा एवं उसकी क्षमता को भी परखा जाएगा। इसमें कोविड जांच के लिए आरटीपीसीआर लैब की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। लॉजिस्टक से जुड़ी सुविधाओं की जांच होगी, जिसमें दवा, वेंटीलेटर, बिप्स, एन-95 मास्क, पीपीई किट आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
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