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    मोबाइल से होगा सीमांकन, ईटीएस मशीन चलन से बाहर

  • August 26, 2020

     

    • सीओआरएस प्रणाली से शुरू होगी प्रक्रिया

    भोपाल। प्रदेश में जमीनों का सीमांकन अब ईटीएस (इलेक्ट्रानिक टोटल स्टेशन) मशीन से नहीं होगा। राजस्व विभाग की आपत्ति के बाद ईटीएस से सीमांकन करने की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। इसकी जगह जल्द ही सीओआरएस (कंन्टीन्यूअसली आपरेंटिग रिफरेंस स्टेशन) प्रणाली से सीमांकन होगा। इसके लिए राजस्व विभाग द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग के साथ एमओयू किया है।  सीओआरएस नेटवर्क के उपयोग से आने वाले समय में जीएनएसएस चिप के साथ स्मार्ट फोन/ मोबाईल पर लोड किये गए एप से भी सीमांकन संभव होगा। मंत्रिपरिषद ने ईटीएस मशीनों से सीमांकन करने में विभाग को अनेक व्यवहारिक कठिनाईयों का सामना करने के दृष्टिगत उपरोक्त की मंजूरी दी है। सीमांकन कार्य को आधुनिक तरीके से कम समय में पूर्ण करने में सीओआरएस प्रणाली अत्यंत प्रभावी साबित होगी। सीओआरएस नेटवर्क का उपयोग करने से उच्चस्तर के एक्यूरेसी के साथ भू-सर्वेक्षण एवं मानचित्रण का काम कर सकेगा। सीओआरएस नेटवर्क के उपयोग से किसी भी मौसम या परिस्थिति में सीमांकन/मानचित्रण गतिविधि की जा सकती है। साथ ही क्षेत्र में खड़ी फसल में भी यह काम कर सकेगा। सीमांकन/मानचित्रण की प्रक्रिया का सरल एवं शुद्व करने के लिए राज्य में सीओआरएस (कंन्टीन्यूअसली आपरेंटिग रिफरेंस स्टेशन) प्रणाली का उपयोग शुरू करने के लिए राजस्व विभाग द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग के साथ एमओयू किया है।

    पुलिस भर्ती में संविदा कर्मियों को नहीं मिलेगा आरक्षण
    मंत्रि-परिषद ने सामान्य प्रशासन विभाग के परिपत्र के अनुसार संविदा पर नियुक्त अधिकारी/कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के लिये 20 प्रतिशत पद आरक्षित किये जाने के प्रावधान से पुलिस भर्ती को मुक्त रखने का निर्णय लिया है। राज्य के तीसरे विधि आयोग के सुचारू रूप से संचालन के लिये अन्य पदों के साथ आयोग के पूर्णकालिक अध्यक्ष, सदस्य सचिव एवं अन्य अंशकालिक सदस्यों के पदों की सेवा शर्तो एवं पारिश्रमिक को अधिक स्पष्ट और युक्तियुक्त बनाये जाने के लिये संशोधन की मंजूरी दी है। कैबिनेट ने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अंतर्गत सिंचाई योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिए नर्मदा बेसिन प्रोजेक्टस कंपनी लिमिटेड के माध्यम से वित्त पोषित करने के संबंध में विभाग द्वारा जारी आदेश का अनुसमर्थन किया। सरदार सरोवर परियोजना से उत्पादित विद्युत से प्राप्त होने वाले पूर्ण राजस्व को नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कंपनी लिमिटेड को हस्तांरित करने का निर्णय लिया। सरदार सरोवर परियोजना के विद्युत बिल अनुसार पूर्ण राजस्व वित्त विभाग द्वारा उर्जा विभाग /मध्यप्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को दी जाने वाली सब्सिडी से हर माह घटाकर नर्मदा बेसिन प्रोजेक्ट कंपनी लिमिटेड को देने की मंजूरी दी।

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    हम बागी नहीं, बदलाव के पक्षधर: तन्खा

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    भोपाल। कांग्रेस बदलाव को लेकर नेताओं के बीच उपजे मतभेद के बीच राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि 2024 के चुनाव में हमें जिस भाजपा की ताकत का सामना करना है, उसके लिए कमजोर नहीं मजबूत विपक्ष की जरूरत है। तन्खा ने ट्वीट में लिखा कि ‘हम बागी नहीं है, बस बदलाव के पक्षधर […]
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