इंदौर (Indore)। चुनावी साल में एक के बाद एक लोक लुभावन घोषणाएं दोनों ही राजनीतिक दलों द्वारा जारी है। आज होने वाली कैबिनेट बैठक में दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के विस्तार से जुड़ा प्रस्ताव भी शामिल किया गया है, जिसमें इंदौर सहित प्रदेशभर में इस योजना के तहत बने रसोई केन्द्रों की संख्या में जहां बढ़ोतरी की जाएगी, वहीं मोबाइल रसोई सुविधा भी शुरू होगी। यानी इन चलते-फिरते भोजनालयों के जरिए मात्र 5 रुपए में गरीबों को खाना खिलाया जाएगा। अभी इंदौर में भी दीनदयाल रसोई योजना संचालित है।
खासकर रैन बसेरों में यह योजना चलाई जाती है, जहां ठहरने वाले लोगों को सस्ता भोजन दिया जाता है। वर्तमान में प्रदेशभर में 100 से अधिक स्थानों पर ये रसोई केन्द्र संचालित हो रहे हैं, जिनकी संख्या में इजाफा होगा। पिछले दिनों ही शासन ने यह आंकड़ा जारी किया था कि दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना से प्रदेशभर में लगभग दो करोड़ गरीबों को लाभान्वित किया जा चुका है, जिसमें इंदौर में यह आंकड़ा 22 लाख से अधिक का बताया गया, तो राजधानी भोपाल में 31 लाख से अधिक, इसी तरह ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा जैसे बड़े शहरों में भी लाखों गरीबों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराया है।
2004 में यह योजना शुरू की गई थी और रैन बसेरों के साथ इसे जोड़ा गया। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर सहित प्रदेशभर में नगर निगमों ने रैन बसेरों का भी निर्माण किया, ताकि ठंड, बारिश में सडक़ों, फुटपाथों पर सोने वालों को इन रैन बसेरों में जगह मिल सके। दरअसल कडक़ड़ाती ठंड से हुई फुटपाथियों की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये सख्त आदेश जारी किए थे। पहले रसोई केन्द्रों में 10 रुपए में थाली दी जाती थी, जिसे 5 रुपए किया जा रहा है। अभी 100 से अधिक रसोई केन्द्रों का संचालन चल रहा है, जिनमें बीते दिनों 45 केन्द्रों की बढ़ोतरी की गई। जिस तरह दक्षिण भारतीय राज्यों में अम्मा भोजनालय, दीदी रसोई योजनाएं सफलतापूर्वक चलती है, उसी तर्ज पर प्रदेश में भाजपा सरकार ने यह योजना शुरू की। हालांकि 2022 में दीदी कैफे योजना भी आई थी और ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ये कैफे खुलवाए गए, जो हालांकि अधिक सफल साबित नहीं हुए। आज कैबिनेट बैठक में 25 मोबाइल दीनदयाल रसोई केन्द्र शुरू करने की मंजूरी मिलेगी, जिनमें चलते-फिरते वाहन पर गरीबों को भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
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