नई दिल्ली। मोबाइल और डीटीएच का रिचार्ज करने, पानी और बिजली का बिल भरने, गैस सिलिंडर बुक करने या ऑनलाइन ऑर्डर के लिए आप मोबिक्विक वॉलेट (MobiKwik Wallet) का यूज करते होंगे। अगर आप भी देश के बड़े डिजिटल वॉलेट में से एक मोबिक्विक यूज करते हैं तो आपके लिए ये बुरी खबर है। दरअसल, भारत में पहली बार मोबिक्विक अपने इनएक्टिव यूजर्स से 100 रुपये से 140 रुपये के बीच वॉलेट मेंटेनेंस चार्ज (Wallet Maintenance Charge) वसूल करेगा।
21 फरवरी से लागू है वॉलेट मेंटेनेंस चार्ज का नियम : टीओआई की खबर के मुताबिक, अगर यूजर 7 दिन की नोटिस के अंदर अपने वॉलेट को एक्टिव नहीं करते हैं तो वॉलेट मेंटेनेंस चार्ज लगेगा। यह नियम रविवार शाम से लागू की गई है।
कंपनी की काफी आलोचना कर रहे हैं यूजर्स : हालांकि इस नियम के लागू होने के बाद यूजर्स कंपनी की काफी आलोचना भी कर रहे हैं। हालांकि कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक, मेंटेनेंस चार्ज के डेबिट होने के बाद भी कोई यूजर्स वॉलेट को फिर से एक्टिव करता है तो यह पैसे वापस कर दिए जाएंगे।
क्या कहता है RBI का नियम : आरबीआई के नियमों के अनुसार, यह तय करना ई-वॉलेट्स कंपनिंयों पर निर्भर करता है कि क्या वह इनएक्टिव वॉलेट के लिए यूजर से चार्ज लेना चाहते हैं। मोबिक्विक में पेमेंट बिजनेस के सीईओ चंदन जोशी ने कहा, ”यदि आप ऐप में वापस नहीं आते हैं और लॉग इन करते हैं तो भी हम आपसे चार्ज लेंगे। मेंटेनेंस चार्ज के डेबिट होने के 40 दिन के अंदर कोई यूजर्स वॉलेट को फिर से एक्टिव कराता है तो यह पैसे वापस कर दिए जाएंगे।”
पेटीएम और फोनपे जैसे कंपनी नहीं ले रही है वॉलेट मेंटेनेंस चार्ज : गौरतलब है कि पेटीएम और फोनपे जैसे बड़े ई-वॉलेट कंपनी ने अभी तक अपने इनएक्टिव यूजर्स के लिए अभी तक ऐसा कोई चार्ज लागू नहीं किया है।
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