नागदा। पुरानी पेंशन बहाल करने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है। अब स्वयं विधायक इस मामले में आगे आएं हैं। मप्र शिक्षक संघ इस मांग को लेकर कल शनिवार को ज्ञापन सौंपेगा और विधायक गुर्जर बजट सत्र में यह मामला उठाएंगे। मप्र शिक्षक संघ तहसील इकाई नागदा-खाचरौद द्वारा मुख्यमंत्री के नाम प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा जाएगा। इकाई अध्यक्ष पूरालाल गुजराती ने बताया हाल ही में राजस्थान सरकार ने पुरानी पेंशन बहाल करने के निर्णय से मप्र में भी सकारात्मक माहौल बना है। प्रदेश के करीब 100 विधायक भी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं। इकाई के पूरालाल गुजराती, हनिफ खां मंसूरी, करणसिंह गौड़, भंवर राठौर, विष्णुप्रसाद अटोलिया, आनंद मीणा, शंकरलाल शर्मा, प्रमोद गेहलोत, जगदीश सगित्रा, तरुणा भाटी, श्रद्धा भावसार, सुमित्रा चौहान अधिक से अधिक शिक्षकों से ज्ञापन सौंपते समय मौजूद रहने का अनुरोध किया है।
विधायक बोले, प्रदेश के चार लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन के लाभ से वंचित
इधर 2004 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग विधायक दिलीपसिंह गुर्जर ने सरकार से की है। विधायक ने कहा कि 2004 के बाद नियुक्त शासकीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है। इसी तरह मप्र सरकार को भी यह पहल करना चाहिए। विधायक ने कहा कि वर्तमान में जो अंशदायी पेंशन योजन चल रही है। यह अध्यापकों व कर्मचारियों के हित में नहीं है। कर्मचारी वर्ग शासन का अभिन्न अंग होता है। शासन की तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के साथ महत्वपूर्ण योजनाओं का संचालन भी करते हैं, लेकिन इसी वर्ग को सेवानिवृत्ति के पश्चात पेंशन की पात्रता नहीं होने से आजीविका का कोई साधन नहीं रहता है। जबकि पड़ोसी राज्य ने जनपद, जिला पंचायत व अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों, अध्यापकों व पंचायत सचिवों को पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर पेंशन देने के आदेश प्रदान कर दिए गए है। मप्र में लगभग 4 लाख कर्मचारी है पुरानी पेंशन लाभ योजना से वंचित हैं। ऐेसे में सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करने की घोषणा करना चाहिए। ताकि शासकीय कर्मचारियों को राहत मिल सकें। विधायक ने कहा आगामी बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित कराया जाएगा।
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