अनूपपुर। लोकतंत्र में पांच साल के लिए प्रतिनिधि चुने जाते है, 1980 में प्रत्याशी को कांग्रेस ने पहली बार टिकट दिया, कांग्रेस ने पैसा लगाया, कार्यकर्ताओं ने लड़ाई लड़ी जिसके कारण वे जीत के आए और लगातार विभिन्न पदों में मंत्री रहे किन्तु इस उम्र में आकर अगर लोभ में परिवर्तित हो लालच में आकर अपना अलग ठिकाना ढूंढ ले और भोपाल से दिल्ली और बैंगलोर जाते है, जहां भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पहुंचते है।
विधायको को पूर्व विधायको द्वारा उन्हे बंद कर रखा जाता है। शिवराज सिंह चौहान सुप्रिम कोर्ट में याचिका दायर करते है कि 22 विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने नही आना चाहते और इनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए और पीछे से बोल देना की इसमें मेरा कोई हाथ नही।
यह आरोप शुक्रवार को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने अनूपपुर के उपचुनाव की तैयारियों को लेकर एक प्रेस कान्फ्रेंस कर लगाए। उन्होंंने कांग्रेस छोड़ भाजपा में शमिल होने वाले पूर्व विधायक व कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सहित ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ जमकर निशाना साधा। पत्रकार वार्ता के दौरान विधायक नारायण पट्टा, भूपेन्द्र सिंह मरावी,बसंत सिंह एवं पूर्व विधायक मधु भगत उपस्थित रही।
भाजपा पर आरोप लगाते हुए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एन.पी. प्रजपति ने कहा 22 विधायको में से 6 मंत्रियों का इस्तीफा लिया और राज्यपाल ने मंत्री होते हुए पद और गोपनियता के खिलाफ जाकर कृत्य किया था, उसके बाद सौदा हुआ बात 25 की हुई और अगर भारतीय जनता पार्टी शामिल होते है तो 10 और देगे, जो मंत्री है उन्हे 50 मिलेगा। उन्होंंने कहा बिसाहूलाल और हम मित्र थे, तो उस मित्र को यह सोचना गद्दारी करने से पहले सोचना था कि मेरा मित्र विधानसभा अध्यक्ष नहींं रहेगा। पहला तीर बिसाहूलाल ने मेरे ऊपर चलाया। अर्जुन ने पूछा श्री कृष्ण से की हे प्रभु यह आप क्या कर रहे है। यहां तो काका, चाचा, बाबा खड़े है। तो श्री कृष्ण कहते चिंता मत करो पहला बाण उन्होंंने चलाया है। न्याय और अन्याय, पाप और पुण्य सनातन धर्म के अंग है। लेकतंत्र को मारने के लिए एसा पैतरा भारतीय जनता पार्टी ने बनाया और उसके पीछे संगठन के आदर्श, उनकी नैतिकता,उनका चाल, उनका चरित्र कहा चला गया।
उन्होंंने कहा हम अपने विधायको के साथ आए है, और बताने आए है पैसा खा के अपने आप को इस्तिफा दे दिया। अनूपपुर की आम मतदाता से पूछा की मै इस्तिफा दे रहा हॅ, 50 खा रहा हॅू लोग इससे सहमत है जिस मतदाता ने आपको चुनकर यहां तक पहुंचाया था उनसे तो पूछ लेते। कांग्रेस ने इतनी बार मंत्री बनाया था, लेकिन अभी आप तीन महीने तक लटके रहे और अभी तक विभाग भी नही मिल पाया है। कल को आदर्श आचार संहिता लग जाएगा, क्यो करोगे पांच साल के लिए विधायक बने थे, अब २ माह बाद विधायक भी नही रहोगे और न ही मंत्री रहोगे।
मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए प्रजापति ने कहा कि एैसा कृत्य तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी किया है, जो एक महीने तक अकेले मुख्यमंत्री रहे, उसके बाद पांच मंत्री और उसके बाद 2 जुलाई को तीन महीने बाद पूरे मंत्री लेकिन 10 दिनो तक काई विभाग नही दिया गया। संविधान और लोकतंत्र का माखौल नही तो और क्या है।
एनपी प्रजापति ने कहा और यही तो प्रमाण है जो बिके वहीं मंत्री बने,शिवराज बोलते है कि हमने कांग्रेस सरकार गिराई, ये तो बाद की बात है। मेरे पास तो प्रमाण है, सुप्रीम कोर्ट का कि शिवराज सिंह चौहान ने उन 22 विधायको के पक्ष में उनके हस्ताक्षर करवाए और विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट में नोटिस जारी करवाया किये विधायक आपके सम्मुख पेश नही होगे, इनका इस्तीफा स्वीकार करो, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कहा नहींं ये अध्यक्ष से संबंधित है आप उनके पास जाइए।
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