भोपाल। चुनावी साल में विधायकों को अपने विधानसभा क्षेत्र के विकास की चिंता सता रही थी। इसके लिए विधायकों ने सरकार से कई बार फंड की मांग की। अब जाकर उन्हें निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि और स्वेच्छानुदान की राशि मिली है। राशि मिलते ही विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्यों को तेजी से कराने की कवायद तेज कर दी है। विधायकों का लक्ष्य है की 6 महीने के अंदर विकास कार्यों पर 3 करोड़ रूपया खर्च किया जाए। ताकि चुनाव में उनकी जीत की राह आसान हो सके। दरअसल, सरकार ने विधायकों की मांग पर इस बार एक बार में ही ढाई करोड़ रुपए की निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि दे दी है। इसके साथ ही 50 लाख रुपए की स्वेच्छानुदान निधि जारी कर दी है। नवंबर में होने वाले मप्र विधानसभा चुनाव से पहले विधायक अपने निर्वाचन क्षेत्र में जनता की मांग के अनुरूप काम स्वीकृत कर सकेंगे। विधायक कार्यों को स्वीकृति देंगे और जिला प्रशासन प्रक्रिया पूरी करके आदेश जारी करेगा।
बीस हजार तक दे सकेंगे स्वेच्छानुदान
विधानसभा की समिति ने एक बार में विधायकों द्वारा बीस हजार रुपये तक स्वेच्छानुदान स्वीकृत करने सहमति बनी थी पर इसके अभी तक आदेश जारी नहीं हुए हैं। वर्तमान में विधायक एक बार में दस हजार रुपये ही स्वेच्छानुदान दे सकते हैं। समिति में इसके अलावा मंदिर का जीर्णोद्धार, मूर्ति-प्रतिमा लगाने की अनुमति देने, उपकरण खरीदी के मामले में एक बार में पूरी राशि जारी करने,विधायक निधि स्वीकृत होने के बाद राशि पंचायत के खाते में अंतरित करने, निर्वाचन क्षेत्र के बाहर पांच के स्थान पर दस लाख रुपये स्वीकृत करने की अनुमति देने के सुझाव दिए गए थे। इन सभी पर अब विभाग को अंतिम निर्णय लेना है।
अक्टूबर में लग सकती है आदर्श आचार संहिता
अक्टूबर में मप्र विधानसभा चुनाव 2023 की आदर्श आचार संहिता लागू हो सकती है। इसे देखते हुए विधायकों ने सरकार से मांग की थी कि इस बार निर्वाचन विकास निधि दो बार के स्थान पर एक बार में ही दे दी जाए ताकि वे अक्टूबर के पहले राशि का उपयोग कर सकें। विधानसभा की समिति ने भी इसका समर्थन किया था। इस आधार पर वित्त विभाग की अनुमति से योजना, आर्थिक सांख्यिकी विभाग ने जिलों को वर्ष 2023-24 के लिए विधायक निधि और स्वेच्छानुदान का बजट आवंटित कर दिया है। इसकी सूचना विधायकों को भी दी गई है ताकि वे इसका उपयोग कर सकें। हालांकि, राशि पुराने हिसाब से ही दी गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा के बजट सत्र में स्वेच्छानुदान 50 लाख बढ़ाकर 75 लाख रुपये करने की घोषणा की थी। न तो इस हिसाब से बजट दिया गया है और न ही विभाग ने इसके आदेश जारी किए हैं। जबकि, समिति के अध्यक्ष विभागीय मंत्री जगदीश देवड़ा ही हैं। भाजपा के वरिष्ठ विधायक यशपाल सिंह सिसौदिया ने आयुक्त आर्थिक सांख्यिकी को पत्र लिखकर स्वेच्छानुदान के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने और समिति में जिन बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है, उनके आदेश जारी करने के लिए कहा है।
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