नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के 30 साल पूरे होने पर स्पीकर ने सभी सदस्यों और दिल्ली वालों को बधाई दी. बीजेपी विधायक अजय महावर द्वारा दिए गए नोटिस को स्वीकार करने से स्पीकर ने मना किया. स्पीकर ने कहा कि विषय सूची में शामिल मुद्दों के अलावा और किसी मुद्दे को नहीं लिया जाएगा. स्पीकर ने कहा कि विधानसभा की स्वतंत्र कार्यप्रणाली पर कुठाराघात का प्रयास किया जा रहा है और इसमें वित्त विभाग शामिल है.
दिल्ली विधानसभा के तीस साल पूरे होने के बावजूद विधानसभा को वित्त संबंधी जरूरतों के लिए वित्त विभाग के भरोसे रहना पड़ रहा है. दिल्ली विधानसभा के लिए सचिव का पद सृजित किया गया था. 1993 से अब तक विधानसभा सचिव के जरिए ही सभी विधायी और वित्तीय कार्य किए जाते रहे हैं. सचिव को निर्देशित किया गया है कि वे यह कार्य करते रहें. स्पीकर ने इस प्रस्ताव पर सभी सदस्यों की सहमति ली और कहा कि इस पास प्रस्ताव को मुख्य सचिव को भेजा जाए.
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा 2 दिन का सत्र नाकाफी है. विधानसभा का सत्र कम से कम दस दिनों का होना चाहिए. उन्होंने मांग की कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम केजरीवाल विपक्ष के सवालों का जवाब नहीं देते हैं और वो इससे भागते हैं.
विधानसभा में बीजेपी विधायक के दावे पर आप सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने सदन में में विधायक फंड के बारे में बताया कि इसे चार करोड़ से बढ़ाकर सात करोड़ कर दिया गया है. भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने मांग की कि विधायक फंड को दस करोड़ किया जाए, क्योंकि पहला कैबिनेट डिसिजन 10 करोड़ के फंड का ही था.
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने सदन को बताया कि इस साल शिक्षा के अधिकार के तहत शिक्षा निदेशालय ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 35000 पदों की स्वीकृति दी गई, जिनमें से 34 हजार से ज्यादा एडमिशन दिए गए. जिन स्कूलों ने EWS में 3:1 के अनुपात में एडमिशन देने से मना किया उनके खिलाफ शो कॉज नोटिस दिया गया, कुछ की मान्यता रद्द कर टेक ओवर करने की प्रक्रिया चल रही है. मामला अभी कानूनी प्रक्रिया में है.
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