- एक आरक्षक भी समझाता तो कार्यक्रम सार्थक होता-अब वकीलों को मैं समझाऊँगा तो हँसेंगे मुझ पर-विधायक डॉ. चौहान
नागदा। हर व्यक्ति का अपना क्षेत्र होता है, उस क्षेत्र के विषय में उसकी पकड़ होती है। जो कानून के ज्ञाता हैं, जो कानून के क्षेत्र में दिन रात काम कर रहे हैं, उन्हें ही परिवर्तन के बारे में समझाना चाहिए। जब बात कानून को जानने की हो और वो ही उपस्थित नहीं हो तो में नहीं समझता कि कार्यक्रम की सार्थकता सिद्ध होगी। अब वकीलों को मैं कानून समझाऊँगा तो हँसेंगे मुझ पर।
यह नाराजगी क्षेत्रीय विधायक तेजबहादुर सिंह चौहान ने नवीन आपराधिक कानून की जानकारी के लिए आयोजित जन चेतना शिविर में जाहिर की। प्रशासन ने सोमवार शाम 8:30 बजे से स्नेह कुंज गार्डन पर शहर के गणमान्य, वकीलों और पत्रकारों को आमंत्रित किया था। इस आयोजन में विषय पर बोलने के लिए एडीशनल एसपी नीतेश भार्गव आने वाले थे, परंतु अतिआवश्यक काम होने का हवाला देकर नहीं आए। कार्यक्रम प्रारम्भ हुआ और सभी के उद्बोधन हो गए। अंत में विधायक डॉ. चौहान बोलने लगे, तब तक भी जब सीएसपी ब्रजेश श्रीवास्तव भी नहीं आए तो विधायक ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि मैं भोपाल से यहाँ इसी कानून को जानने आया था लेकिन जिन्हें नए कानून के बारे में बताना था वे ही उपस्थित नहीं हैं। पुलिस विभाग से एक आरक्षक भी इस बारे में जानकारी देता तो कार्यक्रम सार्थक होता। बाद में सीएसपी ब्रजेश श्रीवास्तव कार्यक्रम में आए और विषय पर विस्तृत से जानकारी दी। मंडी थाना प्रभारी धनसिंह नलवाया ने भी नई कानून की बारीकियाँ समझाई। इससे पहले सीएसपी के देरी से आने के कारण कर्नाटक राज्यपाल डॉ. थावरचंद गहलोत के प्रोटोकाल में जाना सामने आया। कार्यक्रम को एसडीएम सत्यनारायण सोनी, नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि ओपी गहलोत, सांसद प्रतिनिधि प्रकाश जैन, तहसीलदार मुकेश सोनी ने भी संबोधित किया।