डेस्क: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने मंगलवार (27 अगस्त) को मुस्लिम समुदाय पर निशाना साधा. सीएम सरमा ने कहा कि मैं पक्ष लूंगा और ‘मियां’ मुसलमानों को राज्य पर कब्जा नहीं करने दूंगा. दरअसल, सीएम सरमा नागांव में 14 साल की बच्ची से गैंगरेप की घटना को लेकर सूबे में कानून व्यवस्था के हालात पर विपक्षी दलों के कार्य स्थगन प्रस्ताव पर विधानसभा में बोल रहे थे.
सूत्रों के अनुसार, हिमंत बिस्व सरमा ने विधानसभा में प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि अगर जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित रखा जाता तो अपराध की दर नहीं बढ़ती. ऐसे में जब विपक्ष के कुछ नेताओं ने मुख्यमंत्री पर पक्षपात का आरोप लगाया तो उन्होंने कहा, ‘मैं पक्षपात करुंगा. आप क्या कर सकते हैं? सीएम सरमा ने कहा, ‘लोअर असम के लोग अपर असम क्यों जाएंगे? ताकि मियां मुस्लिम असम पर कब्जा कर लें? हम ऐसा नहीं होने देंगे.
इस दौरान तीखी नोकझोंक के बीच सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक आसन के समीप आ गए, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष बिश्वजीत दैमारी को सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी. कांग्रेस, एआईयूडीएफ और माकपा के विधायकों समेत एकमात्र निर्दलीय सदस्य अखिल गोगोई ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध समेत बढ़ती जुर्म की घटनाओं से पैदा हुए हालात पर चर्चा के लिए कार्य स्थगन प्रस्ताव दिया था.
असम में विपक्षी दलों ने विधानसभा परिसर सहित राजधानी गुवाहाटी के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान विपक्षी पार्टियों ने असम में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा करने और उनके खिलाफ अपराध रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया. इसके अलावा विपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा भवन के अंदर से परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा तक मार्च किया. जहां उन्होंने हाथों में तख्तियां थाम रखी थीं और महिलाओं की सुरक्षा की मांग करते हुए नारे लगाए.
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