इंदौर। इंदौर (Indore) के प्रसिद्ध खजराना गणेश मंदिर (Khajrana Ganesh Temple) में निर्माण कार्य के लिए मित्तल परिवार (Mittal family) द्वारा 51 लाख रुपए का दान दिया गया है। मालवा मिल अनाज मंडी के मित्तल परिवार ने अपने घर में बेटा आने की खुशी में यह दान दिया है। रुक्मणीदेवी मित्तल ने बताया कि उनके पुत्र अमित मित्तल आस्ट्रेलिया में रहते हैं। अमित को पुत्र रत्न की प्राप्ति के अवसर पर यह दान दिया गया है। अमित के पुत्र का नाम अविराज रखा गया है। रुक्मणीदेवी मित्तल (Rukmanidevi Mittal) ने बताया कि सुठीबाई दौलतराम छावछरिया पारमार्थिक ट्रस्ट को यह दान दिया है। ट्रस्ट के द्वारा वहां पर भक्त सदन और प्रवचन हॉल का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है।
भक्त सदन और प्रवचन हॉल की खासियत
6 करोड़ की लागत से भक्त सदन बन रहा।
4 मंजिला भक्त सदन में आधुनिक सुविधाएं हैं।
200 कमरे हैं इसमें भक्तों के रुकने के लिए।
2 करोड़ की लागत से प्रवचन हॉल तैयार हो रहा है।
800 श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था है प्रवचन हॉल में एक साथ।
ट्रस्ट के बालकृष्ण छावछरिया ने बताया कि वे खजराना गणेश मंदिर से 50 सालों से जुड़े हुए हैं। उनके माता-पिता की स्मृति में इन दोनों भवनों का निर्माण हो रहा है। ट्रस्ट गरीब बच्चों की शिक्षा, गरीब कन्याओं की शादी सहित अन्य सामाजिक कार्यों से जुड़ा है। माता-पिता के नाम से कई स्थानों पर निर्माण काम किए है। इतनी बड़ी राशि पूरे जीवन में जो मेहनत की और ट्रस्ट द्वारा बेची गई एक जमीन से जो राशि मिली है उससे जुटाई है। यह सारा पैसा इस काम में लगाया जाएगा। मंदिर कैंपस के अंदर ही यह दोनों निर्माण होंगे। दोनों भवनों के संचालन के लिए अलग से समिति का गठन होगा। मंदिर परिसर में प्रवचन हॉल और भक्त निवास के आर्किटेक्ट अचल चौधरी है।
भक्त सदन की बिल्डिंग बनकर तैयार हो चुकी है। इसमें भी फ्लोरिंग, फर्नीचर, सहित अन्य काम बाकी है। यहां पर बाहर से आने वाले भक्त और संत रुक सकेंगे। हालांकि इसका किराया कितना रहेगा, ये तय होना बाकी है। पं. अशोक भट्ट का कहना है कि यहां का किराया न्यूनतम ही रखा जाएगा। ताकि बाहर से आने वाले भक्तों को रुकने में दिक्कत नहीं होगी। वहीं प्रवचन हॉल का भी निर्माण काम जारी है। यहां बिल्डिंग का काम जारी है, साथ ही अंदर स्टेज का काम भी बचा है। भक्त सदन और प्रवचन हॉल दोनों का काम भी जल्द पूरा होगा।
खजराना गणेश मंदिर में इस बार प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान 800 विदेशी मेहमान भगवान के दर्शन के लिए आए। इसके चलते दान पेटियों से बड़ी संख्या में विदेशों की मुद्राएं और नोट भी निकले हैं। इसके साथ बड़ी मात्रा में सोने चांदी के सिक्के और आभूषण भी निकले हैं। इस बार 15 दिन चली गिनती में 40 दानपेटियों से कुल एक करोड़ 83 लाख 78 हजार रुपए निकले हैं जो इससे पहले हुई दानपात्रों की गिनती में सबसे अधिक राशि है।
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