भोपाल। मध्यप्रदेश में निकाय और पंचायत चुनाव की गतिविधियां तेज हो चली हैं। इन्हें लेकर भाजपा संगठन भी अतिरिक्त सक्रिय हो चुका है। इसी बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी प्रदेश के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वे मंडल अध्यक्षों व पदाधिकारियों से रूबरू होंगे। सत्ता-संगठन के तालमेल पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा प्रदेश भाजपा की कार्यसमिति को भी संबोधित करेंगे। दो सप्ताह पूर्व ही भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश भी जिलों की कोर कमेटियों से मैदानी फीडबैक लेकर गए हैं। ऐसे में राजस्थान में राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद नड्डा का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष का यह दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि अब मध्यप्रदेश पूरी तरह से चुनावी मोड में आ चुका है। प्रदेश में पहले दौर में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव होने हैं। इसके बाद 2023 में विधानसभा चुनाव होंगे। निकाय और पंचायत चुनावों को 2023 के सेमीफाइनल के तौर पर भी देखा जा रहा है। ऐसे में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे। ताकि चुनाव से पहले सभी कमियों को दूर किया जा सके। इससे पहले इस साल मार्च में नड्डा ने इंदौर और अप्रैल में गृहमंत्री अमित शाह का भोपाल दौरा किया था।
10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने पर होगी चर्चा
पंचायत-निकाय चुनाव को लेकर भाजपा संगठन सतर्क हो गया है। इसलिए शिवप्रकाश के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का प्रवास महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वे विधायकों, मंत्रियों और सांसदों के काम की समीक्षा भी करेंगे। इस दौरान जमीनी कार्यकर्ताओं से फीडबैक भी लेंगे। वहीं, अगले महीने से भाजपा के नए ऑफिस का काम भी प्रारंभ होना है। उसकी रूपरेखा भी तय की जाएगी। बैठक में मंडल के पदाधिकारियों से बूथ विस्तारक अभियान और पार्टी के 10 फीसदी वोट शेयर बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है। भाजपा अध्यक्ष स्थानीय निकाय चुनावों के लिए चुनावी रणनीति पर चर्चा करने के लिए संगठन के पदाधिकारियों से भी मिलेंगे, ताकि चुनाव से पहले सभी कमियों को दूर किया जा सके।
शाह के बाद नड्डा का दौरा अहम
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का मध्यप्रदेश का दौरा विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बेहद अहम है। वे अपने दौरे के दौरान सत्ता और संगठन के तालमेल पर बात करेंगे। 2023 और 2024 के चुनावी रोडमैप पर भाजपा संगठन से चर्चा करेंगे। क्योंकि प्रदेश निकाय-पंचायत चुनाव के मुहाने पर हैं, इसलिए वे टिकट वितरण के मापदंडों पर भी संगठन से चर्चा कर सकते हैं। सत्ता-संगठन के बीच चल रही खींचतान की खबरों को लेकर गुप्ता कहना है कि मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि दोनों के बीच तालमेल का अभाव है। लेकिन अन्य पार्टियों की तरह भाजपा में कभी भी अनबन सतह पर नहीं दिखाई देती। देश में एक मात्र मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है, जहां भाजपा का संगठन सबसे मजबूत और संगठित है। इसकी मिसाल पूरे देशभर में दी जाती है। इसलिए यहां मनमुटाव है तो भी वह खुलकर सामने नहीं आ पाता है। पिछली बार जब जेपी नड्डा इंदौर आए थे तब उन्होंने कहा था कि अगर कोई मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहा है तो उसकी तारीफ करने में किसी को तकलीफ नहीं होनी चाहिए। उनका यह ईशारा सीधे तौर पर संगठन की तरफ था क्योंकि सत्ता और संगठन दोनों में तालमेल की कमी थी।
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