नई दिल्ली (New Dehli ) । बिहार (bihar) के दानापुर में एक परिवार (family) में उस समय खुशी (Happiness) की लहर दौड़ पड़ी जब सात साल से गायब बेटा (Son) घर लौटा। निराश परिवार वालों ने उसका अंतिम (Last) संस्कार (Secrament) तक कर दिया था। दरअसल पत्नी की मौत के बाद मानसिक संतुलन खोकर घर से गया युवक सात वर्ष पूर्व घर छोड़कर भाग गया था। बेटे के आने पर मां-बाप हैरान होने के साथ-साथ खुश हैं। जो मां-बाप ने अपने बेटे बिहारी राय के मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे और उसका अंतिम संस्कार तक कर दिया था। वह पुत्र सात साल बाद घर लौट आया।
आशोपुर पहुंचते ही अपनी मां से लिपटकर रोने लगा
पिता ने बताया कि दो दिन पहले दिल्ली पुलिस ने लखनी बिगहा के मुखिया शत्रुघ्न कुमार को फोन कर बताया कि आशोपुर का युवक यहां संस्था में रह रहा है। मुखिया परिजनों को सूचना देते हुए अपने खर्च पर बिहारी को लाने के लिए तैयार हुआ। बिहारी को लाने के लिए उसके पिता को भेज गया। सोमवार को दिल्ली से आशोपुर पहुंचते ही बिहारी मां से लिपटकर रोने लगा। इतने में ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। बिहारी ने बताया कि ट्रेन से गिरकर वह जख्मी हो गया था। उसका पैर व हाथ काम नहीं कर रहा था। जब उसे होश आया तो वह अस्पताल में पड़ा हुआ था। जब कुछ ठीक हुए तो दिल्ली में एक संस्था के हवाले कर दिया गया था।
2005 में हुई थी शादी
बात दानापुर प्रखंड के लखनीबिगहा पंचायत के आशोपुर गांव की है। वृद्ध बृजनंदन राय व उनकी पत्नी पियरिया देवी ने बताया कि पुत्र बिहारी राय की शादी 2005 में हुई थी। दो वर्ष बाद एक पोती भी हुई। लेकिन बीमारी से पुत्रवधू की मौत हो गई। पत्नी के मृत्यु के बाद बिहारी मानसिक संतुलन खो दिया और घर छोड़कर चला गया। लेकिन सात माह बाद वह पुन घर लौट आया।
2016 में फिर घर छोड़कर चला गया था
इसके बाद ठीक ठाक रहा। 2016 में फिर घर छोड़कर चला गया। इस बार भी थाने में आवेदन देकर हर जगह खोजबीन की, पर कहीं कुछ पता नहीं चला। इस तरह कई साल गुजरने पर गांव के एक ब्राह्मण ने परिजनों से कहा कि आपके पुत्र की आत्मा भटक रही है। उसे सही स्थान दे दीजिए। उनके कहने पर पिता ने विधि विधान से बिहारी राय का अंतिम संस्कार कर दिया।
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