लंदन। हिंदू धर्म पर एक अध्याय के अंदर आतंकवाद का जिक्र किए जाने के कारण कई अभिभावकों और ब्रिटेन के हिंदू संगठनों के विरोध के बाद इंग्लैंड के एक स्कूल ने माफी मांगी है। स्कूल ने अपनी वेबसाइट से उस स्कूल वर्कबुक को हटा दिया है। इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स क्षेत्र के सोलीहूल में लांगले स्कूल ने बुधवार को कहा कि कुछ वर्षों पहले जीसीएसई रिलिजियस स्टडीज: रिलीजन, पीएस एंड कंफ्लीक्ट वर्कबुक को बाहर से खरीदा गया था और इसे अब हटा दिया गया है।
स्कूल ने बिना शर्त मांगी माफी
लांगले स्कूल ने बयान में कहा कि दुर्भाग्य से कई वर्ष पहले इस दस्तावेज को बाहर से खरीदा गया था और हमारे स्कूल में हमारे कर्मचारियों ने इसे नहीं बनाया था। हम आपको आश्वस्त कर सकते हैं कि इसका इस्तेमाल स्कूल में नहीं किया गया। सामग्री को तुरंत हमारी वेबसाइट से हटा दिया गया है। किसी भी तरह से दुख पहुंचने पर हम क्षमाप्रार्थी हैं।
धार्मिक अध्ययन मॉड्यूल में लिखा था आपत्तिजनक
यह वर्कबुक जीसीएसई वर्ष 10-11 चरण के विद्यार्थियों के लिए धार्मिक अध्ययन मॉड्यूल के तहत था, जिस पर स्टांप था जिससे स्पष्ट होता है कि इसे इंग्लैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के लिये परीक्षा प्राधिकरण एक्यूए की आधिकारिक मंजूरी प्राप्त थी। यह वर्कबुक तकरीबन 15 साल के विद्यार्थियों के लिये था।
पब्लिशर ने की थी गलत व्याख्या
क्षुब्ध अभिभावकों और हिंदू समूहों ने सोशल मीडिया पर इस मामले पर गुस्सा जाहिर किया और पाठ के उस हिस्से को उजागर किया जिसमें महाभारत का जिक्र था। इसमें धर्म की रक्षा के लिए युद्ध को उचित ठहराया गया था। इसी की किताब के पब्लिशर्स ने गलत व्याख्या की थी।
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