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Mirzapur 3 Review: Mirzapur 3 में तीसरे सीजन की कहानी में क्‍या है सच्‍चाई, पढ़ें रिव्यू

नई दिल्‍ली (New Delhi)। पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi)और अली फजल की वेब सीरीज ‘मिर्जापुर-3’ (Web series ‘Mirzapur-3’)ओटीटी पर आ गई है। लोगों ने जब ‘मिर्जापुर’ (‘Mirzapur’) पहले और दूसरे सीजन में खूनखराबा (Bloodshed in second season)देखा तो वे आश्वस्त हो गए थे। उन्हें भरोसा हो गया था कि अब तीसरे सीजन में इससे भी ज्यादा वॉयलेंस होने वाला है। कालीन भैया और गुड्डू पंडित आमने-सामने आने वाले हैं और कालीन भैया अपने बेटे मुन्ना त्रिपाठी की मौत का बदला लेने वाले। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या सच में तीसरे सीजन में ऐसा ही होने वाला है? 10 एपिसोड देखने के लिए 10 घंटे का समय निकालने से पहले पढ़ें हमारा रिव्यू।


कुछ ऐसी है कहानी (स्पॉइलर फ्री)

मिर्जापुर के दूसरे सीजन के अंत में दिखाया जाता है कि गुड्डू पंडित, मुन्ना त्रिपाठी और कालीन भैया पर गोली चला देता है। तीसरे सीजन की शुरुआत यहीं से होती है। मुन्ना त्रिपाठी की मौत हो जाती है और शरद शुक्ला घायल कालीन भैया को अपने साथ ले जाता है। कालीन भैया की गैर-मौजूदगी में गुड्डू पंडित मिर्जापुर की गद्दी पर बैठने के लिए साम दाम दंड भेद का इस्तेमाल करता है, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब कालीन भैया को होश आता है। इससे आगे की कहानी जानने के लिए आपको वेब सीरीज देखनी पड़ेगी।

आला दर्जे की एक्टिंग

‘मिर्जापुर-3’ में गुड्डू पंडित (अली फजल) का रोल काफी दमदार है। अली फजल ने अपने हुनर से इस किरदार को नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं। पहले सीजन में किताबों में गुम रहने वाली गोलू (श्वेता त्रिपाठी) का तीसरे सीजन में कम्प्लीट मेकओवर देखने को मिलता है। शरद शुक्ला (अंजुम शर्मा) का स्क्रीन टाइम ‘मिर्जापुर-3’ में बहुत ज्यादा है। दूसरे सीजन में उन्हें ज्यादा कुछ करने को मिला नहीं था, लेकिन इस सीजन में उन्होंने कमाल का काम किया है।

कमजोर किरदार

पंकज त्रिपाठी इस सीरीज की जान हैं, लेकिन उनके किरदार कालीन भैया को तीसरे सीजन में काफी कमजोर दिखाया गया है। हालांकि उन्हें जितना भी स्पेस मिला उन्होंने उसे भुनाने की पूरी कोशिश की है। कालीन भैया की पत्नी बीना त्रिपाठी बन रसिका दुग्गल ने भी दमदार काम किया है। सीएम माधुरी यादव यानी ईशा तलवार भी ठीक-ठाक लगी हैं। दद्दा त्यागी के बेटे उर्फ विजय वर्मा की एक्टिंग अच्छी है, लेकिन किरदार मजेदार नहीं है। लिलिपुट फारुकी द्वारा निभाया गया दद्दा त्यागी का किरदार भी काफी कमजोर दिखाई पड़ा

शो की जान को ही कर दिया साइडलाइन

लोगों को ‘मिर्जापुर-3’ के निर्देशक गुरमीत सिंह से बहुत उम्मीदें थीं, लेकिन वह इन उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाए। जी हां, जितना प्रभाव ‘मिर्जापुर-1’ और ‘मिर्जापुर-2’ ने छोड़ा था उतना प्रभाव ‘मिर्जापुर-3’ नहीं छोड़ पाई। इसका सबसे बड़ा कारण शो के लीड कैरेक्टर कालीन भैया काे कम स्क्रीन टाइम देना है। लोग ट्रेलर देखकर उत्साहित हो गए थे क्योंकि उन्हें लग रहा था कि ‘मिर्जापुर-3’ में उन्हें कालीन भैया और गुड्डू पंडित की भिड़ंत देखने को मिलेगी, लेकिन जब वे वेब सीरीज देखेंगे तो बहुत निराश होंगे।

कमजोर कहानी

कालीन भैया की गैर-मौजूदगी के अलावा कहानी भी दमदार नहीं लगी। ‘मिर्जापुर’ वॉयलेंस, दमदार डायलॉग्स और पंचलाइन के लिए जानी जाती है। हालांकि, ‘मिर्जापुर-3’ में इन सबकी मात्रा कम कर दी गई। ऐसा लगा कि कहानी काे लंबा करने के लिए जबरदस्ती कुछ सीन्स दिखाए गए। 10 एपिसोड की कहानी को अगर 7 एपिसोड में खत्म कर दिया जाता तो शायद कहानी थोड़ी बेहतर लगती।

क्लाइमैक्स

जहां पूरी सीरीज से थ्रिल गायब था, वहीं अंत का सीक्वेंस मजेदार था। क्लाइमैक्स देखने के बाद आप चौकेंगे भी और ये भी समझ जाएंगे कि अब ‘मिर्जापुर’ का चौथा सीजन आने वाला है।

देखें या नहीं?

‘मिर्जापुर’ का तीसरा सीजन देख सकते हैं, लेकिन ज्यादा उम्मीद के साथ मत देखिएगा क्योंकि वेब सीरीज के 10 एपिसोड इसके ट्रेलर से बहुत इतर हैं। ट्रेलर में मिर्जापुर की गद्दी के लिए खूनखराबा और गुड्डू पंडित-कालीन भैया की भिड़ंत की ओर संकेत किया गया है, लेकिन (स्पॉइलर अलर्ट) 10 एपिसोड की सीरीज में दोनों एक-दूसरे के सामने तक नहीं आते हैं। इसके अलावा, मुन्ना त्रिपाठी (दिव्येन्दु शर्मा) की कमी भी खलती है।

वेब सीरीज: मिर्जापुर 3

कलाकार : अली फजल, पंकज त्रिपाठी, दिव्येंदु शर्मा, रसिका दुग्गल, विजय वर्मा, श्वेता त्रिपाठी, लिलिपुट फारुकी, शाहजी चौधरी, कुलभूषण खरबंदा

ओटीटी प्लेटफॉर्म: प्राइम वीडियो

एपिसोड्स: 10

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