ग्वालियर। महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद गिरी (Mahamandaleshwar Swami Vairagyanand Giri) उर्फ मिर्ची बाबा (Mirchi Baba) ने अब पीएम नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को खत लिखा है. खत भी अपने खून (letter written in blood) से लिखा है. वो गौ (Cow) माता की दुर्दशा से दुखी हैं. उन्हें बचाने के लिए वो ग्वालियर में सड़क पर उतर आए. मिर्ची बाबा ने गौभक्तों के साथ पदयात्रा निकाली और प्रधानमंत्री के नाम खून से लिखा पत्र तहसीलदार को सौंपा. मिर्ची बाबा (Mirchi Baba) की मांग है कि गाय को राष्ट्रीय गौ माता घोषित किया जाए और उनके भरण-पोषण के लिए हर रोज 50 रुपये दिए जाएं.
मंगलवार को मिर्ची बाबा (Mirchi Baba) ने गोला का मंदिर स्थित गौशाला से तमाम गौभक्तों के साथ पदयात्रा शुरू की. पदयात्रा में गौभक्त हाथों में तख्तियां लेकर चल रहे थे, जिस पर लिखा था भूखी गाय करे पुकार मेरे भरण पोषण के लिए 50 रुपये रोज दे शिवराज सरकार. गौमाता को राष्ट्रीय गौमाता घोषित करे केंद्र सरकार. इस दौरान गौभक्त गाय की दुर्दशा को सुधारने के लिए जोरदार नारेबाज़ी कर रहे थे. शहर के विभिन्न मार्गों से होती हुई यह पदयात्रा फूलबाग चौराहे पर पहुंची.
जहां मिर्ची बाबा और अन्य गौभक्तों ने पहले अपना खून निकलवाया और उसके बाद खून से प्रधानमंत्री को संबोधित करते हुए पत्र लिखा. उसके बाद दो सूत्रीय मांग पत्र मिर्ची बाबा ने तहसीलदार को सौंपा. पत्र के माध्यम से मांग की गई है कि गाय को राष्ट्रीय गौमाता घोषित किया जाए और हर रोज भरण पोषण के लिए 50 रुपये प्रति गाय दिए जाएं. मिर्चीबाबा ने चेतावनी दी है अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो भोपाल और दिल्ली तक गौभक्त पदयात्रा करेंगे. वहीं मिर्चीबाबा की पदयात्रा को लेकर बड़ी संख्या में जिला एवं पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मय बल के साथ मौजूद थे. ये वही मिर्ची बाबा हैं जो कांग्रेस से जुड़े हैं. कांग्रेस के बड़े आयोजनों ने मंच पर मिर्ची बाबा नज़र आते हैं. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मिर्ची बाबा ने दिग्विजय सिंह की जीत की भविष्यवाणी करते हुए मिर्ची यज्ञ किया था. वो ये तक कह गए थे कि अगर दिग्विजय हारे तो वो जल समाधि ले लेंगे. लेकिन दिग्विजय चुनाव हारे तो मिर्ची बाबा भूमिगत हो गए थे. उसके बाद मिर्ची बाबा ने इसी साल अगस्त महीने में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के स्वास्थ्य, शत्रु निवारण, सफलता और कष्टों को दूरने के लिए विशेष पूजा की थी. इस पूजन में उज्जैन से 51 विद्वान ब्राह्मणों के सानिध्य में एक लाख पुष्प से भगवान शिव का पूजन किया गया. जिसमें खुद कमलनाथ भी शामिल हुए थे.