भोपाल। राजधानी भोपाल का मिंटो हॉल (Minto Hall) अब कुशाभाऊ ठाकरे (Kushabhau Thackeray Hall) के नाम पर जाना जाएगा. बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने ये ऐलान किया। उन्होंने कहा बीजेपी के पितृ पुरुष कुशाभाऊ ठाकरे जिन्होंने कई बड़े नेताओं को बड़े मुकाम तक पहुंचाया मिंटो हॉल अब उन्हीं के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि मिंटो हॉल जब यहां बना है इसके निर्माण में यहां के मजदूरों के हाथ लगे हैं तो फिर इसका नाम विदेशी क्यों होना चाहिए।
अब भोपाल के पुराने विधानसभा भवन यानि मिंटो हॉल का भी नया नाम होगा। इसे अब कुशाभाऊ ठाकरे हॉल के नाम से जाना जाएगा। भोपाल में हुई भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसकी घोषणा की. बीजेपी ने इस भवन का नाम शिक्षाविद् डॉ हरिसिंह गौर और कांग्रेस ने मामा टंट्या भील के नाम पर करने की मांग की थी।
बंद होगा बार
राजधानी में बना मिंटो हॉल पहले पुरानी विधानसभा के तौर पर जाना जाता था। नया विधानसभा भवन बनने के बाद इसका जीर्णोद्धार कर इसे एक होटल में तब्दील कर दिया गया। फिलहाल इसमें होटल के साथ रूफ टॉप पर बार चल रहा है. जैसे ही इस बात का ऐलान हुआ कि मिंटो हॉल का नाम कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर होगा यह सवाल भी खड़ा हुआ कि क्या इसमें चलने वाला बार चलता रहेगा।
इस पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने कहा जब इमारत का नाम कुशाभाऊ ठाकरे के नाम पर होगा तो फिर यह उनके चरित्र के हिसाब से ही दिखेगा। इसका मतलब यह माना जा रहा है मिंटो हॉल से बार को बंद किया जाएगा. फिलहाल मिंटो हॉल में होटल का संचालन मध्य प्रदेश टूरिज्म कर रहा है।
कौन थे कुशाभाऊ ठाकरे ?
कुशाभाऊ ठाकरे जनसंघ के संस्थापक सदस्य और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. उनका जन्म 15 अगस्त 1922 में मध्य प्रदेश के धार जिले में हुआ था. उनकी शिक्षा-दीक्षा भी ग्वालियर और धार में हुई थी. सन 1942 से कुशाभाऊ ठाकरे संघ से जुड़े. वह 1942 में नीमच के प्रचारक बने थे. 1956 में जनसंघ के गठन के बाद संगठन सचिव बने. 1977 में ठाकरे मध्य प्रदेश जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे. 1998 से 2000 तक वो भारतीय भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रहे. 28 दिसंबर 2003 को कुशाभाऊ ठाकरे का देहांत हो गया।
बीजेपी-कांग्रेस थे साथ
बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल ने भोपाल मिंटो हॉल का नाम शिक्षाविद, सागर विश्वविद्यालय के संस्थापक सहित कई विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपति और संविधान सभा के उपसभापति रहे डॉ हरिसिंह गौर के नाम पर करने का आग्रह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से किया था। 26 नवंबर संविधान दिवस और डॉ हरिसिंह गौर की जयंती भी थी। रजनीश जैन के इस प्रस्ताव का सागर क्षेत्र से आने वाले नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी समर्थन किया था। हालांकि कांग्रेस ने ग़ुलामी के प्रतीक मिंटो हॉल का नाम बदलकर मामा टँटया भील के नाम पर करने की मांग की थी।
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