इंदौर (Indore)। 16 साल की नाबालिग (16 year old minor) 20 साल के प्रेमी के साथ भागकर चोरी-छिपे शादी कर रही थी। बिजासन माता मंदिर (Bijasan Mata Temple) में शादी के लिए पहुंची, लेकिन पंडित की जागरूकता के चलते विवाह रुक गया। पंडित ने न केवल नाबालिगों का विवाह करने से मना किया, बल्कि दोनों को समझाइश देकर सगाई कर उल्टे पांव लौटा दिया। अब बालिका को हर दिन आंगनवाड़ी में हाजरी देना होगी। महिला एवं बालविकास विभाग की परियोजना अधिकारी चित्रा यादव को मिली सूचना के अनुसार भागीरथपुरा क्षेत्र की 16 साल की किशोरी 20 साल के नवयुवक के साथ बिजासन माता मंदिर में प्रेम विवाह करने पहुंची थी।
शादी की सारी तैयारियां करके पहुंचे परिवार के साथ जोड़े को पंडित ने बाल विवाह कराने से मना कर दिया तो आखिरकार सगाई कर घर लौट आए। मिली जानकारी के अनुसार परियोजना अधिकारी को सूचना मिली थी कि उक्त जोड़े का विवाह गुपचुप तरीके से कराया जा रहा है, जिसकी जांच करने के लिए ब्रिलियंट कन्वेंशन सेन्टर के पास स्थित मां के घर टीम पहुंची, जहां ज्ञात हुआ कि पंडित की जागरूकता से बाल विवाह रुक गया है। लाडो अभियान कोर ग्रुप के सदस्य महेंद्र पाठक, शैलेष शर्मा के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने नाबालिगों को पेश करने की बात कही, लेकिन परिवारजन टालमटोली करते रहे।
कानून का डर दिखाया, तब माने
ज्ञात हो कि नाबालिगों के घर से भाग जाने के डर से माता-पिता भी नाबालिगों का विवाह कराने के लिए तैयार हो रहे हैं। उक्त मामले में भी यही प्रकाश में आया है। 9वीं क्लास में अध्ययनरत भागीरथपुरा क्षेत्र की बालिका का विवाह सुखलिया क्षेत्र के युवक से कराया जा रहा था। मौके पर पहुंची टीम ने जब कानून का डर और सख्ती दिखाई तो आखिरकार परिवार टूटा और बेटी को सामने पेश किया गया, जहां उसे कम उम्र में शादी के दुष्परिणाम बताए गए, जिसके बाद नाबालिग भी बालिग होने पर ही विवाह करने पर तैयार हो गई।
हर दिन देना होगी उपस्थिति
बाल विवाह रोकने के लिए अब बालिका को हर दिन आंगनवाड़ी में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराना होगी। महेंद्र पाठक से मिली जानकारी के अनुसार यदि इस दौरान बालिका आंगनवाड़ी पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराती है और गुपचुप विवाह कराया जाता है तो बाल विवाह प्रतिशेध अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। हालांकि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण बालिका स्कूल नहीं जा पा रही थी, जिसे टीम ने आश्वासन दिया कि शिक्षा की व्यवस्था उच्च अधिकारियों की मदद से करवाई जाएगी।
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