हैदराबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ चुनाव में एबीवीपी ने शेख आयशा को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया है।
हैदराबाद: अल्पसंख्यक [Minority] विरोधी होने के आरोपों के बीच अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद [Abvp] ने पहली बार हैदराबाद यूनिवर्सिटी [University] छात्र संघ चुनाव [Election] के लिए एक मुस्लिम [Muslim] महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। शेख आयशा अध्यक्ष [chairman] बनने के लिए SFI-ASA-TSF गठबंधन के मोहम्मद अतीक अहमद के साथ मुकाबला करेंगी। केंद्रीय विश्वविद्यालय में छात्र संघ [student Union] के शीर्ष पद के लिए दो अल्पसंख्यक उम्मीदवारों के बीच यह पहला मुकाबला है। 9 नवंबर को चुनाव है।
विशाखापत्तनम [Visakhapatnam] की शेख आयशा केमिस्ट्री में पीएचडी कर रही हैं। अहमद भी पीएचडी छात्र हैं और हैदराबाद के निवासी हैं। 24 वर्षीय आयशा ने कहा कि संगठन हमेशा अल्पसंख्यक समर्थक रहा है, वह 2019 से एबीवीपी के साथ हैं। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों के दावों का विरोध किया कि एबीवीपी ने उन्हें केवल इसलिए चुना है ताकि यह संदेश दिया जा सके कि सगंठन अल्पसंख्यक विरोधी नहीं है। कुछ भी हो, एबीवीपी अल्पसंख्यक समर्थक और भारत समर्थक है, वे उन सभी अल्पसंख्यकों का समर्थन करते हैं जो राष्ट्र का समर्थन करते हैं और पहले इसके बारे में सोचते हैं, मैं तब से इसका हिस्सा हूं जब मैं मध्यप्रदेश में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में एमएससी कर रहाी थी। मैं तब राज्य कार्यकारिणी सदस्य थीं, जिससे पता चलता है कि वे नेतृत्व की भूमिकाओं में मुस्लिम महिलाओं का समर्थन करते हैं।
-कैंपस में सामाजिक समरसता का प्रयास करेंगी
आयशा ने कहा कि निर्वाचित होने पर उनका मुख्य ध्यान यह सुनिश्चित करना होगा कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को अक्षरश: लागू किया जाए, उनका इरादा कैंपस में एक सामाजिक समरसता (सामाजिक सद्भाव) शैक्षणिक केंद्र की स्थापना की सुविधा प्रदान करने का भी है।
– कौन है एबीवीपी ?
आरएसएस कार्यकर्ता बलराज मधोक की पहल पर 1948 में स्थापित एबीवीपी को औपचारिक रूप से 9 जुलाई 1949 को पंजीकृत किया गया था। स्थापना के समय इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय परिसरों पर कम्युनिस्ट प्रभाव का मुकाबला करना था। एबीवीपी के घोषणापत्र में शैक्षिक और विश्वविद्यालय सुधार जैसे एजेंडे शामिल हैं। यह कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्र-निकाय चुनावों में प्रतिस्पर्धा करता है। स्टूडेंट्स फॉर डेवलपमेंट (एसएफडी) छात्रों में समग्र और सतत विकास की आवश्यकता के प्रति सही दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए एबीवीपी की एक पहल है।
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