इंदौर। अंकल मुझे अपने साथ ले चलिए, विवाह रुक गया है तो सौतेली मां और पिता मार-मारकर मेरा बुरा हाल कर देंगे। मुझे अभी शादी नहीं करनी, लेकिन सौतेली मां की मार से बचने के लिए हां कर दी थी। यह कहना था मिर्जापुर निवासी नाबालिग का, जिसका विवाह परिवार द्वारा जबरन कराया जा रहा है। परिवार जहां समाज में इज्जत बचाने के लिए नाबालिग को ब्याहने जा रहा था, वहीं बच्ची सौतेली मां की मार से बचने के लिए विवाह की बेदी पर बलि चढऩे को तैयार हो गई। महिला एवं बालविकास विभाग के कंट्रोल रूम पर मिली शिकायत के बाद ग्रामीण परियोजना अधिकारी ममता कनेश, पर्यवेक्षक राधा यादव जांच करने पहुंचीं। मामला सही पाए जाने पर बालविवाह विरोधी उडऩदस्ता प्रभारी महेंद्र पाठक तत्काल मिर्जापुर पहुंचे, जहां तहसीलदार देवेंद्र कछावा के निर्देश पर पटवारी थाना तेजाजीनगर के बल के साथ मौजूद थे। समझाइश के बाद यह कहानी सामने आई। उसमें माता-पिता बेटी के प्रेम विवाह के लिए जबर्दस्ती करने से परेशान नजर आए। टीम ने बाल कल्याण समिति के समक्ष बालिका को पेश किया, जहां से उसे आश्रम भेज दिया।
चार ठिकानों पर दी दबिश, तब आया हाथ
फोन पर मिली जानकारी के अनुसार टीम मिर्जापुर स्थित बालिका के घर पहुंची, लेकिन वहां ताला लगा मिला। नाना के घर उमरीखेड़ा में विवाह होने की जानकारी मिली, लेकिन वहां भी ताला नजर आया। टीम ने ग्रामीणों से जानकारी जुटाई तो चार जगह दबिश देने के बाद जानकारी मिली व विवाह रुकवाया गया। कार्रवाई के दौरान मिर्जापुर के सचिव, ग्राम कोटवार और विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे।
घर में मिल रही थी प्रताडऩा
मात-पिता के सामने चुपचाप खड़ी लगातार रो रही बालिका ने कोई खुलासा नहीं किया, लेकिन काउंसलिंग के बाद उसने बताया कि उसकी मां बहुत पहले ही तीन बेटियों को छोडक़र स्वर्ग सिधार चुकी है। पिता ने दूसरी शादी की, तब से ही सौतेली मां प्रताडि़त कर रही है। प्रताडऩा की बात कहे जाने पर बाल कल्याण समिति ने बच्ची को सुधार गृह भेजने का निर्णय लिया। उसे आज समिति के समक्ष प्रस्तुत कर कथन लिए जाएंगे।
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