उज्जैन। पूरा सावन बीत गया लेकिन बारिश नहीं हुई और अब भीषण गर्मी के कारण शहर में सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों की भरमार हो गई है लेकिन उन्हें इसकी दवा न तो मेडिकलों पर मिल पा रही है और न ही निजी क्लीनिकों पर डॉक्टर उपचार दे रहे हैं। सरकारी अस्पताल में जाने से लोग डर रहे हैं।
कोरोना काल में सबसे ज्यादा मुसीबत आम सर्दी-खाँसी के मरीजों की हो रही है। मामूली सर्दी-खाँसी होने पर लोग मेडिकल से गोली और दवा लेकर ठीक हो जाते हैं लेकिन वर्तमान शासन के बंदिशों के चलते मेडिकल से सर्दी, खाँसी और बुखार की दवा नहीं दी जा रही है और इधर निजी क्लीनिकों के चिकित्सक भी बुखार और सर्दी खाँसी के मरीजों को दवा नहीं दे रहे हैं। इधर लोग सरकारी अस्पताल में उपचार के लिए जाने से कतरा रहे हैं क्योंकि वहाँ पर नाम-पता और मोबाईल नंबर दर्ज किया जा रहा है, ऐसे में लोग सर्दी-खाँसी और बुखार का ईलाज घरेलू स्तर पर ही कर ठीक होने की कोशिश कर रहे हैं।
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