नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ई-20 ईंधन विकसित करने पर जोर दे रहा है। मंत्रालय ने इसे अपनाए जाने और इससे होने वाले उत्सर्जन मानकों पर आम लोगों से सुझाव मांगे हैं।
सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार गैसोलीन में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाकर आटोमोटिव ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। यह कार्बन डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन इत्यादि के उत्सर्जन में भी कमी करने में सहायक होगा। साथ ही इससे खनिज तेलों के आयात में कमी होगी जिससे विदेशी मुद्रा भंडार की बचत होगी और ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्रालय ने बताया कि इस बारे में 11 दिसम्बर को मसौदा अधिसूचना प्रकाशित करके ई-20 ईंधन अपनाए जाने पर इससे होने वाले उत्सर्जन मानकों पर आम लोगों से सुझाव मांगे हैं। यह अधिसूचना ई-20 के अनुरूप वाहन विकसित किए जाने की प्रक्रिया को सुगम बनाएगी। एथेनॉल मिश्रित गैसोलीन का प्रतिशत संबंधी विवरण वाहन निर्माता द्वारा दिया जाएगा। ई-20 ईंधन से चलने वाले वाहन पर एक स्पष्ट दिखाई देने वाला स्टीकर प्रदर्शित किया जाएगा। (एजेंसी, हि.स.)
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