नई शिक्षा नीति को मिली मंजूरी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया है। साथ ही नई शिक्षा नीति को भी मंजूरी मिल गई है। यह फैसले बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली कैबिनेट बैठक में लिए गए। शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार इन दोनों फैसलों की जानकारी देगी।
मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने सिफारिश की थी कि उसका नाम बदल कर शिक्षा मंत्रालय कर दिया जाए, जिसे बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में स्वीकार कर लिया गया। इस साल फरवरी में बजट के दौरान घोषित की गई नई शिक्षा नीति को भी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने स्वीकृति दी। बजट 2020 के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई शिक्षा नीति का ऐलान किया था। इसे स्वीकृति मिलने के बाद करीब 34 साल बाद फिर से देश को नई एजुकेशन पॉलिसी मिली है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दूसरे बजट में एजुकेशन सेक्टर को लेकर कई बड़ी घोषणाएं की थी। वित्त मंत्री ने एजुकेशन सेक्टर को लेकर कहा था कि बहुत जल्द ही देश में नई एजुकेशन पॉलिसी को लाया जाएगा।
वित्त मंत्री ने बताया था कि इसको लेकर राज्यों से बात चल रही है और जैसे ही इसकी शुरुआती प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, नई एजुकेशन पॉलिसी को पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि एजुकेशन सेक्टर में बेहतर शिक्षकों और अन्य सुविधाओं के लिए बड़े स्तर पर पूंजी जुटाई जाएगी।
इसी को ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने एजुकेशन सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश लाने का ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने बताया था कि मार्च 2021 तक देशभर में कुल 150 उच्च शैक्षणिक संस्थानों में अपरेंटिसशिप प्रोग्राम शुरू किया जाएगा।
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