भोपाल। मप्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र अगले हफ्ते 19 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। विधायकों ने हर बार की तरह इस बार भी किसानों से जुड़े सवालों के जवाब सरकार से पूछे हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने किसानों से जुड़े 179 सवालों के जवाब अभी तक विधानसभा में पेश नहीं किए हैं। जबकि सभी विभागों के करीब 607 सवालों के जवाब आना बाकी हैं। कृषि मंत्री ने कर्जमाफी, किसान सम्मान निधि, किसान कल्याण योजनाएं, खाद-बीज एवं किसानों की जमीन अधिग्रहण से जुड़े सवालों के जवाब नहीं दिए हैं।
पंद्रहवीं विधानसभा के 607 सवालों के जवाब पहले सत्र से लेकर पिछले सत्र तक के लंबित हैं। विधानसभा सचिवालय की ओर से बार-बार पत्र लिखे जाने के बाद भी विधायिका को सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं। लंबित सवालों में कुछ ऐसे भी हैं, जिनके जवाब पिछली कमलनाथ सरकार के समय से लंबित हैं। यूं तो विधानसभा में लंबित सवालों की लंबी-चौड़ी सूची हैं। सवालों के जवाब के संबंध में विधानसभा सचिवालय से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक मुख्य सचिव को पत्र लिख चुके हैं।
कृषि मंत्री नहीं दे रहे जवाब
179 सवाल कृषि विभाग के लंबित हैंं। इनमें कर्जमाफी से जुड़े सवाल भी हैं। खास बात यह है कि कमलनाथ सरकार के समय भाजपा विधायक रहे कमल पटेल ने कर्जमाफी को लेकर सवाल पूछे थे। वो सवाल भी अभी तक लंबित है। कमल पटेल शिवराज सरकार में कृषि मंत्री है, लेकिन उन्होंने खुद सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। न ही उनकी सवालों के जवाब देेने में कोई रुचि है। फर्जीलाइजर, पेस्टीसाइट से जुड़े सवालों के जवाब भी कृषि मंत्रालय ने नहीं दिए हंै।
इन विभागों के लंबित जवाब
सरकार ने आदिवासियों के हित में पेसा कानून लागू कर दिया है, लेकिन जनजाति विभाग ने 23 सवालों के जवाब अभी तक नहीं दिए हैं। इसी तरह अनुसूचित जाति विभाग के 13 जवाब लंबित हैं। खाद विभाग के 18, गृह मंत्रालय ने 83 सवालों के जवाब लंबित रखे हैं। इनमें अपराध एवं कानून व्यवस्था से जुडृे सवाल भी लंबित हैं। नगरीय प्रशासन विभाग के 40, पंचायत विभाग के 9, परिवहन विभाग के 14, येाजना एवं आर्थिंक संाख्यिकी विभाग के 13, वित्त विभाग के 22 , स्कूल शिक्षा विभाग के 15, सहकारिता विभाग के 45 और सामान्य प्रशासन विभाग के 91 सवालों के जवाब लंबित हैं। खास बात यह है कि सभी विभागों से विधानसभा में पूछे गए सवालों के जवाब दिलाने की जिम्मेदारी सामान्य प्रशासन विभाग की ही हैं।
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