भोपाल। प्रदेश में चार साल से कर्मचारियों को पदोन्नतियां नहीं मिल रही है, जबकि शुक्रवार को सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्रालय स्थित विभागाध्यक्ष कार्यालय में सत्कार अधिकारी से अतिरिक्त राज्य शिष्टाचार अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए प्रक्रिया हुई है। इस बात से राज्य मंत्रालय के कर्मचारी नाराज है। इन्होंने घोषणा की है कि शनिवार से पदोन्नति पाने और लंबित मांगों का निराकरण कराने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाएंगे। बता दें कि कोर्ट ने पदोन्नति मामले में स्थगन दे रखा है। इस वजह से बीते चार सालों में हजारों अधिकारी, कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त हो चुके हैं। इस बीच राज्य मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक व अन्य पदाधिकारियों ने आरोप लगाए हैं कि शासन पदोन्नति देने के मामले में दोहरा मापदंड अपना रहा है। इसमें कर्मचारियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। वहीं वरिष्ठ पदों पर बैठे अधिकारी किसी न किसी प्रकार से पदोन्नति पाने का लिए रास्ता निकाल लेते हैं। मंत्रालय में शुक्रवार को सत्कार अधिकारी के पद से अतिरिक्त राज्य शिष्टाचार अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए हुई कार्रवाई इसी का ताजा उदाहरण है। यह भी आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया में सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव मौजूद थे। कोर्ट के स्थगन के बावजूद पूर्व में पंजीयक फम्र्स एवं सोसायटी में भी पदोन्नति हो गई थी।
स्थगन हटाने शासन ने नहीं किए ठोस प्रयास
राज्य मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार पटेल का आरोप है कि सरकार ने बीते चार सालों में पदोन्नति नियम से स्थगन हटवाने के ठोस प्रयास नहीं किए हैं और न तो कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है। इसी का नतीजा है कि हजारों कर्मचारी बिना पदोन्नति प्राप्त किए सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यह जीवन भर सरकारी विभाग में सेवा देने वाले कर्मचारियों का दुर्भाग्य है। संघ के सचिव सलीम खान का कहना है कि शासन स्थगन नहीं हटवा सकता है तो कम से कम कर्मचारियों को वरिष्ठ पदनाम ही दे दें। जब पदोन्नति मामले में सुनवाई पूरी हो जाएगी, तब संबंधित कर्मचारियों को वरिष्ठ पदनाम के अनुसार वेतन देना चालू कर दें। इस तरह शासन पर कोई भार भी नहीं आएगा। इसकी मांग भी संघ की तरफ से कई बार की जा चुकी है। ज्ञापन भी दिए जा चुके हैं।
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