भोपाल। प्रदेश सरकार के एक बड़े विभाग के मंत्री के बंगले पर तैनात प्रायवेट स्टाफ (Private staff) का कारनाम सामने आया है। इन्होंने तबादले के लिए पांच लाख रुपए की मांग कर डाली। खास बात यह है कि जिससे पैसे मांगे गए हैं, वह संघ से जुड़े पदाधिकारी हैं। उन्होंने मंत्री स्टाफ की रिकॉर्डिं संगठन महामंत्री सुहास भगत को भेज दी। इसके बाद मंत्री की जमकर क्लास लग गई। मामला मुख्यमंत्री (Chief Minister) तक पहुंचा तो मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने मंत्री को भी चेतावनी दे डाली है। हालांकि मुख्यमंत्री (Chief Minister) और भगत की समझाइश का मंत्री पर कोई असर नहीं पड़ा। संघ नेता से पैसा मांगने वाले दोनों कर्मचारी आज भी मंत्री बंगले पर तैनात हैं। दोंनो को मंत्री का कमाऊपूत बताते हैं।
पिछले दिनों जबलपुर में संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता एक सहायक प्राध्यापक के तबादले के लिए मंत्री से मिलने भोपाल आए थे। मंत्री तो बंगले पर नहीं मिले तो संघ नेता मंत्री के प्रायवेट स्टाफ (Private staff) से मिले। दोनों ने संघ नेता को 5 लाख में काम होने की बात कही। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 1 जुलाई से तबादलों से बैन हटा है। मंत्री ने पहले ही दिन ही 24 लोगों की तबादला सूची जारी कर दी थी।
संघ नेता ने ऐसे उगलवाई जानकारी
संघ नेता ने मंत्री स्टाफ से कहा कि कमलनाथ सरकार के समय तो ढाई लाख रु. लगते थे, अब 5 लाख क्यों मांगे जा रहे हैं। इस पर मंत्री के प्रायवेट लोगों ने कहा कि इस बार कम ट्रांसफर होंगे, इसलिए ज्यादा पैसा लगेगा। साथ ही कहा कि वे जिस व्यक्ति का तबादला चाहते हैं उसका नियमानुसार नहीं होगा, क्योंकि वो 2019 में भर्ती हुए है और तीन साल तक कहीं और ट्रांसफर के पात्र नहीं है। संघ नेता ने मंत्री स्टाफ से बातचीत की पूरी रिकॉर्डिंग भाजपा मुख्यालय भेज दी है।
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